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लोकसभा के मानसून सेशन में हंगामे के चलते 30 घंटे बर्बाद, 14 बिल हुए पास

नई दिल्ली. लोकसभा के मानसून सेशन में मेंबर्स के हंगामे के कारण कामकाज के करीब 30 घंटे बर्बाद हुए। हालांकि इस दौरान सदन में करीब साढ़े 10 घंटे अतिरिक्त काम कर अहम विषयों पर चर्चा भी की गई और कुल 14 बिल पास हुए। बता दें कि शुक्रवार को संसद के मानसून सेशन का आखिरी दिन था। ये प्रमुख बिल हुए पास...

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक सदन ने इस दौरान जो 14 विधेयक पास किए, उनमें इंस्टीट्यूट्स ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) बिल, बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल, कंपनी (अमेंडमेंट) बिल, फ्री एंड कम्पलसरी चाइल्ड एजुकेशन राइट्स (अमेंडमेंट) बिल और नेशनल एग्रीकल्चरल एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक (अमेंडमेंट) बिल प्रमुख हैं।
मॉब लिंचिंग पर ज्यादा चर्चा
- मानसून सेशन में सदन में देश में एग्रीकल्चरल सेक्टर की स्थिति और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर की गई हत्या (Mob Lynching) की घटनाओं से पैदा हुई स्थिति पर ज्यादा चर्चा की गई।
17 सरकारी-28 गैर सरकारी बिल पेश हुए
- सत्र के दौरान 2017-18 की सप्लिमेंटरी ग्रांट डिमांड्स (पूरक अनुदान मांगों) और 2014-15 की एडीशनल ग्रांट डिमांड्स (अतिरिक्त अनुदान मांगों) पर 5 घंटे 11 मिनट चर्चा की गई। साथ ही इन्हें और इनसे संबंधित एप्रोप्रिएशन बिलों (विनियोग विधेयकों) को पास किया गया।
- कुल 17 सरकारी विधेयक और सरकारी कामकाज के तहत 28 गैर सरकारी विधेयक पेश किए गए। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये देश में बाढ़ से पैदा हुई स्थिति पर चर्चा की गई।
17 जुलाई से शुरू हुए सत्र में 19 बैठकें हुईं
- स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चिकाल तक के लिए टाल दिया। उन्होंने कहा, "17 जुलाई से शुरू हुए इस सेशन के दौरान 19 बैठकों में करीब 71 घंटे कामकाज हुआ। सेशन में हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित किए जाने से 29 घंटे 58 मिनट का समय खराब हुआ। हालांकि सदन ने 10 घंटे 28 मिनट देर तक बैठकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा भी की।"
मानसून सेशन में प्रोडक्टिविटी
- लोकसभा - 70%
- राज्यसभा- 73%नई दिल्ली. लोकसभा के मानसून सेशन में मेंबर्स के हंगामे के कारण कामकाज के करीब 30 घंटे बर्बाद हुए। हालांकि इस दौरान सदन में करीब साढ़े 10 घंटे अतिरिक्त काम कर अहम विषयों पर चर्चा भी की गई और कुल 14 बिल पास हुए। बता दें कि शुक्रवार को संसद के मानसून सेशन का आखिरी दिन था। ये प्रमुख बिल हुए पास...

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक सदन ने इस दौरान जो 14 विधेयक पास किए, उनमें इंस्टीट्यूट्स ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) बिल, बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल, कंपनी (अमेंडमेंट) बिल, फ्री एंड कम्पलसरी चाइल्ड एजुकेशन राइट्स (अमेंडमेंट) बिल और नेशनल एग्रीकल्चरल एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक (अमेंडमेंट) बिल प्रमुख हैं।
मॉब लिंचिंग पर ज्यादा चर्चा
- मानसून सेशन में सदन में देश में एग्रीकल्चरल सेक्टर की स्थिति और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर की गई हत्या (Mob Lynching) की घटनाओं से पैदा हुई स्थिति पर ज्यादा चर्चा की गई।
17 सरकारी-28 गैर सरकारी बिल पेश हुए
- सत्र के दौरान 2017-18 की सप्लिमेंटरी ग्रांट डिमांड्स (पूरक अनुदान मांगों) और 2014-15 की एडीशनल ग्रांट डिमांड्स (अतिरिक्त अनुदान मांगों) पर 5 घंटे 11 मिनट चर्चा की गई। साथ ही इन्हें और इनसे संबंधित एप्रोप्रिएशन बिलों (विनियोग विधेयकों) को पास किया गया।
- कुल 17 सरकारी विधेयक और सरकारी कामकाज के तहत 28 गैर सरकारी विधेयक पेश किए गए। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये देश में बाढ़ से पैदा हुई स्थिति पर चर्चा की गई।
17 जुलाई से शुरू हुए सत्र में 19 बैठकें हुईं
- स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चिकाल तक के लिए टाल दिया। उन्होंने कहा, "17 जुलाई से शुरू हुए इस सेशन के दौरान 19 बैठकों में करीब 71 घंटे कामकाज हुआ। सेशन में हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित किए जाने से 29 घंटे 58 मिनट का समय खराब हुआ। हालांकि सदन ने 10 घंटे 28 मिनट देर तक बैठकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा भी की।"
मानसून सेशन में प्रोडक्टिविटी
- लोकसभा - 70%
- राज्यसभा- 73%

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