Homeअपना शहर ,
नहरों से कब और कितना पानी मिले, यह निर्णय अब किसानों की सलाह पर होगा जल संसाधन मंत्री की पहल पर सिंचाई चौपालों का आयोजन

नहरों के माध्यम से सिंचाई के लिये उपलब्ध कराए जा रहे पानी के बेहतर प्रबंध में अब किसानों की भागीदारी बढ़ेगी। राज्य सरकार की मंशा अनुसार किसानों को रबी फसलों को पानी कब से और कितनी मात्रा में दिया जाए, किस क्षेत्र में पहले पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, यह तय करने के लिये जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र की पहल पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा जल उपभोक्ता संस्थाओं के अध्यक्ष व किसानों के साथ चॉपाल का आयोजन किया गया।

      ग्वालियर संभाग में हरसी नहर प्रणाली की जल उपभोक्ता संस्थाओं की चौपाल हरसी बांध के रेस्ट हाउस पर मुख्य अभियंता यमुना कछार श्री एन पी कोरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें क्षेत्र की सभी 50 जल उपभोक्ता संस्थाओं के अध्यक्ष, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री सहित सभी उपयंत्री भी सम्मिलित हुए। चौपाल में संस्थाओं के अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र में नहरों की स्थिति, उनकी मरम्मत और पानी के लिये बनाए गए प्लान पर विस्तार से चर्चा की।

      श्री कोरी ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा पानी के प्रबंधन में किसानों की भागीदारी बढ़ाना है, जिससे किसान भाई पानी के महत्व को समझें और उपलब्ध पानी का अच्छे से अच्छे तरीके से कैसे उपयोग किया जाए, जिससे अंतिम छोर तक के कास्तकार को उसकी फसल के लिये पानी मिल सके। उन्होंने बताया कि हरसी नहर प्रणाली देश की पुरानी शहर प्रणाली में से एक है, इसमें गत दिनों किए गए जीर्णोद्धार और मरम्मत कार्य के बाद हरसी कमाण्ड क्षेत्र में 35 हजार हैक्टेयर के स्थान पर लगभग 70 हजार हैक्टेयर रबी फसलों की सिंचाई की जा रही है। यही स्थिति चंबल नहर प्रणाली की रही है। गत 6 वर्षों में चंबल नहरों से भी 80 हजार के स्थान पर 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर रबी फसलों की सिंचाई की जा रही है।

      उन्होंने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार इन चौपालों का आयोजन किया गया है। जिसमें जिन नहरों या माइनर पर अध्यक्ष द्वारा मरम्मत की आवश्यकता बतलाई है, वहाँ आगामी दो दिवस 14 और 15 अक्टूबर को उपयंत्री व भ्रमण करेंगे और प्रस्ताव तैयार कर कार्यपालन यंत्री और प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित करेंगे। कार्य की लागत अधिक हो तो कार्यपालन यंत्री अतिरिक्त राशि का औचित्य पूर्ण तरीके से राशि उपलब्ध करायेंगे। यह सभी निर्माण कार्य 30 अक्टूबर तक पूण्र करा लिए जायेंगे। जिससे रबी फसलों के लिये किसानों को पानी की आपूर्ति की जा सके।

Share This News :