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शासकीय महाविद्यालयों के 10 नोडल अधिकारियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

संभाग आयुक्त को भेजे जायेंगे अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव

छात्रवृत्ति के आवेदनों के निराकरण में रूचि न लेने पर कलेक्टर हुए सख्त

महाविद्यालयों में अध्ययनरत आरक्षित वर्गों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति संबंधी समस्याओं के निराकरण में उदासीनता बरत रहे नोडल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों व संस्थानों के 10 नोडल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव संभाग आयुक्त को भेजने के निर्देश दिए हैं। ये सभी नोडल अधिकारी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिये शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में नहीं पहुँचे थे। साथ ही इनके द्वारा छात्रवृत्ति आवेदनों के निराकरण में लगातार उदासीनता बरती जा रही है।

कलेक्टर ने छात्रवृत्ति के आवेदनों के निराकरण में रूचि न लेने वाले निजी महाविद्यालयों, नर्सिंग कॉलेज इत्यादि शिक्षण संस्थानों की मान्यता समाप्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को दिए। उन्होंने कहा जिन नर्सिंग कॉलेजों में विद्यार्थियों के न मिलने की शिकायत मिल रही है, उन नर्सिंग कॉलेजों की जाँच संबंधित एसडीएम के माध्यम से कराएँ। डॉ. गोयल ने कहा कि जो निजी महाविद्यालय बार-बार सूचित करने के बाबजूद छात्रवृत्ति के आवेदनों के निराकरण में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उन्हें साफ तौर पर बता दें कि अगले शिक्षण सत्र से उनके संस्थान को छात्रवृत्ति की पात्रता नहीं होगी। इस आशय की सूचना वेबसाइट पर भी अपलोड कर दें कि आरक्षित वर्ग के विद्यार्थी इन निजी महाविद्यालयों में प्रवेश न लें, अन्यथा उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।

जिन शिक्षण संस्थानों के नोडल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव संभाग आयुक्त को भेजे जा रहे हैं, उनमें जीवाजी विश्वविद्यालय, जीआर मेडीकल कॉलेज, शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, बीआर अम्बेडकर पॉलीटेक्निक कॉलेज, महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज, एसएलपी मुरार, एमएलबी कॉलेज, डॉ. भगवत सहाय महाविद्यालय, शासकीय महाविद्यालय भितरवार व शासकीय महाविद्यालय मोहना शामिल हैं।

बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री एच बी शर्मा तथा सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग कल्याण सहित विभिन्न कॉलेजों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।

फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति लेने वालों के खिलाफ कराएँ एफआईआर

कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने बैठक में मौजूद विभिन्न शिक्षण संस्थानों के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो निजी शिक्षण संस्थान अथवा छात्र फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति प्राप्त करने की कोशिश करें, उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराएँ। उन्होंने कहा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। डॉ. गोयल ने निर्देश दिए कि संदेहास्पद छात्रवृत्ति के आवेदन संबंधित संस्थान को वापस न कर उन्हें सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को उपलब्ध कराएँ, जिससे पुलिस कार्रवाई की जा सके।

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