मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के गà¥à¤ªà¥à¤¤ रहसà¥à¤¯, ये इस तरह करते हैं काम
मंतà¥à¤° शबà¥à¤¦ को किसी परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ में नहीं ढाला जा सकता है। वैदिक ऋचाओं के हर छंद à¤à¥€ मंतà¥à¤° कहे जाते हैं। देवी-देवताओं की सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व यजà¥à¤ž हवन में निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ किठगठशबà¥à¤¦ समूहों को à¤à¥€ मंतà¥à¤° कहा जाता है। तंतà¥à¤° शासà¥à¤¤à¥à¤° में मंतà¥à¤° का अरà¥à¤¥ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ है। तंतà¥à¤° शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° मंतà¥à¤° उसे कहते हैं जो शबà¥à¤¦ पद या पद समूह जिस देवता या शकà¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करता है वह उस देवता या शकà¥à¤¤à¤¿ का मंतà¥à¤° कहा जाता है।
विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मंतà¥à¤° की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ इस तरह à¤à¥€ की गई हैं।
1. धरà¥à¤®, करà¥à¤® और मोकà¥à¤· पाने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देने वाली शकà¥à¤¤à¤¿ को मंतà¥à¤° कहते हैं।
2. देवता के सूकà¥à¤·à¥à¤® शरीर को या इषà¥à¤Ÿà¤¦à¥‡à¤µ की कृपा को मंतà¥à¤° कहते हैं।
3. दिवà¥à¤¯-शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की कृपा को पाने में उपयोगी शबà¥à¤¦ शकà¥à¤¤à¤¿ को मंतà¥à¤° कहते हैं।
4. अदृशà¥à¤¯ गà¥à¤ªà¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿ को जागृत करके अपने अनà¥à¤•à¥‚ल बनाने वाली विधा को मंतà¥à¤° कहते हैं।
5. इस तरह गà¥à¤ªà¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿ को विकसित करने वाली विधा को मंतà¥à¤° कहते हैं।