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गोवा पहुंचे पुतिन, भारत-रूस के बीच होने वाले हैं ये 5 बड़े समझौते

भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देने के लिए रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन शनिवार सुबह गोवा पहुंचे। ब्रिक्स सम्मेलन से इतर वह पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

इन समझौतों में दो बड़े समझौते ऐसे हैं, जिससे भारतीय सेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।  

1- कामोव 226टी हेलीकॉप्टरों का घरेलू उत्पादन
भारत और रूस 200 कामोव 226टी हेलीकॉप्टरों का घरेलू तौर पर उत्पादन करीब एक अरब डॉलर सौदे के तहत करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। ये हेलीकॉप्टर देश के पुराने चीता और चेतक हेलीकाप्टरों का स्थान लेंगे। इसके साथ ही नौसेना के पोतों पर भी एक सौदा होने की उम्मीद है। 
 
रूसी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि अन्य प्रमुख सौदों पर भी हस्ताक्षर होंगे।

2- वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस400 ट्रायंफ
सबसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सैन्य सौदा लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस400 ट्रायंफ के लिए होगा। इसमें आने वाले दुश्मन के विमानों, प्रक्षेपास्त्रों और यहां तक कि ड्रोन को भी 400 किलोमीटर के दायरे में नष्ट करने की क्षमता है।

 

रूसी संवाद समिति तास ने रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव के हवाले से कहा है कि वायु रक्षा प्रणाली के लिए सौदे पर हस्ताक्षर होंगे।

भारत और रूस के बीच एक वर्ष से अधिक समय से एस400 प्रणाली की खरीद के लिए बातचीत हो रही है जो कि क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। यह तीन तरह के प्रक्षेपास्त्र दागने, एक सुरक्षा घेरा निर्मित करने में सक्षम है।

यदि भारत सौदे पर हस्ताक्षर करता है तो वह चीन के बाद इस प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का दूसरा उपभोक्ता होगा। चीन ने इसके लिए पिछले वर्ष तीन अरब डॉलर का सौदा किया था।

अन्य 3 रक्षा सौदेः पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान
अन्य सौदे जिन पर दोनों देशों की नजर हैं वे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, भारत द्वारा एक दूसरी परमाणु पनडुब्बी को लीज पर लेने और ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र के एक नए संस्करण के उत्पादन से जुड़े हैं।

रूस जहां पारंपरिक रूप से भारत का मुख्य रक्षा आपूर्तिकर्ता रहा है। हाल के वर्षों में अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों को बड़ी प्रगति करते हुए देखा गया है। रूस ने धीरे-धीरे वापसी की और कई तरह के उपकरणों की पेशकश की, जिसमें मेक इन इंडिया पहल के तहत पेशकश भी शामिल है।

दोनों पक्षों ने कुडुनकुलम परियोजना के लिए यूनिट पांच और यूनिट छह के लिए सामान्य आधारभूत समझौता और क्रेडिट प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दे दिया है। 

 
 

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