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प्रेरणा दायक है महार्षि बाल्मीकि का जीवन डाॅ. नरोत्तम मिश्र

दतिया। मध्य प्रदेष शासन के जल संसाधन, जनसम्पर्क एवं संसदीय कार्य विभाग मंत्री डाँ. नरोत्तम मिश्र बाल्मीकि जयंती के अवसर पर चूनगर फाटक बाल्मीक मंदिर पर आयोजित बाल्मीकि जयंती कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने महार्षि बाल्मीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया और आरती उतारी। मोके पर उपस्थित आयोजकगण ने जनसंपर्क मंत्री डाॅ. मिश्र का पुष्पहारों से स्वागत किया।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मंत्री डाॅ. नरेात्तम मिश्र ने कहा कि यदि व्यक्ति चाहे तो परिस्थितियों को अपने बस में कर सकता है। महार्षि बाल्मीकि का संपूर्ण जीवन इसी बात पर आधारित है। उन्होंने जीवन में संघर्ष कर उचा स्थान प्राप्त किया और वह आज पूरे संसार में महार्षि के रूप में ऊचे स्थान पर विराजमान है। उन्होंने ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जन्म से महान नही होता उसका कर्म उन्हें महान बनाता है।
जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि महार्षि बाल्मीकि संसार के सबसे प्रसिद्ध संस्कृत के कवि माने जाते है। उन्होनंे संस्कृत भाषा में रामायण की रचना की। महार्षि बाल्मीकि जीवन के प्रारंभ में एक साधारण व्यक्ति थे। वह अपनी मेहनत, लगन और कार्य के प्रति समर्पण के द्वारा महान बनकर उच्च पद पर आसीन हुए। महार्षि बाल्मीकि का जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में पाठ्य पुस्तक निगम उपाध्यक्ष श्री अवधेष नायक तथा श्री विपिन गोस्वामी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्री सुभाष अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री योगेष सक्सेना, रीव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष श्री कृष्ण प्रेम मेहत्रे के अलावा सर्वश्री दिलीप बाल्मीकी, रवि बाल्मीक, परषराम अहिरवार, विनोद बाल्मीक, षेरा बाल्मीक, जितेन्द्र बाल्मीक आदि उपस्थित रहे।

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