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जान बचाने घर की ओर भागी थीं गौरी लंकेश, CCTV में कैद हुई जद्दोजहद

निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश जीवन भर अतिवादी विचारधारा से लड़ती रहीं और जीवन के आखिरी पल में भी उनमें लड़ने का वही जज्बा दिखा. उनके घर में लगे चार सीसीटीवी कैमरों से मिली फुटेज में साफ दिख रहा है कि पहले हमलावर द्वारा तीन गोली मारे जाने के बावजूद जान बचाने के लिए गौरी लंकेश घर की ओर भागीं. हालांकि गौरी घर के अंदर तक नहीं जा सकीं और बीच में ही ढेर हो गईं.

सीसीटीवी फुटेज से हालांकि हमलावरों की पहचान मुश्किल लग रही है, क्योंकि हमलावरों ने हेलमेट पहन रखे थे. वे जिन बाइकों पर सवार थे, उनके नंबर प्लेट भी नहीं थे.

हिंदुत्ववादी विचारधारा की धुर विरोधी मानी जाने वाली गौरी लंकेश की मंगलवार रात बेंगलुरू में उनके घर के सामने अंधाधुंध गोलीबारी कर हत्या कर दी गई. राज्य सरकार ने गौरी लंकेश की हत्या के मामले की एसआईटी जांच का आदेश दे दिया है. हालांकि गौरी लंकेश के भाई ने सीबीआई जांच की मांग की है.

गौरी लंकेश को पहले से था खतरे का अहसास

गौरी लंकेश को इस अनहोनी का अहसास हो चुका था. तभी शायद उनके जेहन में ये साफ रहा होगा कि एक खास विचारधारा का विरोध उनकी जिंदगी को मौत में बदल सकता है. जैसा कुलबर्गी, दाभोलकर या पनसारे के साथ हुआ. गौरी ने कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता को भी बताया था कि उनकी जान को खतरा है.

पुलिस महानिदेशक आर के दत्ता दत्ता ने बताया कि पत्रकार गौरी लंकेश ने उनके साथ कई मुलाकातों के दौरान अपने जीवन पर खतरा बताया था. यहां तक की गौरी ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उनकी जान को खतरा है, लेकिन अब प्रशासन का कहना है कि गौरी ने कभी भी अपने लिए सुरक्षा नहीं मांगी. ऐसे में उनको सुरक्षा कैसे दी जा सकती थी.

सात राउंड मारी गई थीं गोलियां

पुलिस कमिश्नर टी सुनील कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम को गौरी लंकेश ने राजराजेश्वरी नगर इलाके में स्थित अपने घर के सामने अपनी कार को रोका और दरवाजा खोलने के लिए आगे बढ़ीं. उसी वक्त अज्ञात हमलावरों ने उनके उपर फायरिंग शुरू कर दी. करीब 7 राउंड फायरिंग की गई. इसमें से 4 गोली गौरी को लगी, 3 गोली उनके सिर में लगी हैं. फायरिंग की आवाज सुनकर पड़ोसी बाहर निकले. गौरी खून से लथपथ पड़ी हुई थीं.

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