Homeधर्म कर्म ,खास खबरे,वायरल न्यूज़,
नवरात्रि 2017: 21 सितंबर से शुरू हो रहा है पर्व, नौ दिनों तक इन 9 चीजों से करें मां की पूजा

शारदीय नवरात्रि इस बार 21 सितंबर से शुरु हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के आते ही घर-घर में मां के आगमन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। गुरुवार से शुरू होने वाली नवरात्रि के नौ दिनों में यदि नौ विशेष चीजों का इस्तेमाल किया जाए तो इससे मां की कृपा भक्तों पर बनी रहती है। यहां हम तिथि अनुसार बता रहे हैं, कि किन चीजों से मां की पूजा करनी चाहिए।

प्रथम तिथि

नवरात्रि के पहले दिन मां को गाय से बनी किसी चीज से भोग लगाएं। यदि यह गाय के घी में बनी हों तो और भी अच्छा है। इससे व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी खत्म होती है।

द्वितीय तिथि

नवरात्रि के दूसरे दिन चीनी का इस्तेमाल करें। शक्कर का भोग करें और फिर उसे जरूरतमंदों व मंदिर में दान कर दें। 

नवरात्रि की तृतीय तिथि 23 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन मां की पूजा करते समय दूध का इस्तेमाल जरूर करें। इसके बाद इसे दान दे दें। इससे आपकी जिंदगी में आने वाले सभी दुख दूर हा जाएंगे।

चतुर्थी तिथि

नवरात्रि की चतुर्थी को मालपुवा का खासा महत्व है। इस दिन मालपुवा का अपर्ण करके उसे दान देना चाहिए। इससे आपकी फैसले लेने की शक्ति बढ़ती है

नवरात्रि में केले का भी महत्व है। पूजा अर्चना में केले का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। मान्यता है कि पांचवें दिन केले को पूजा अर्चना के दौरान चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही इसे किसी ब्राह्मण को दान कर दें। 

षष्ठी तिथि 

नवरात्रि के छठवें दिन शहद का काफी महत्व है। इस दिन मां की पूजा करने के दौरान शहद का अपर्ण जरूर करें और फिर इसे दान कर दें

पहले के समय में जब भी किसी के घर मेहमान आता था तो गुड़ खाने को दिया जाता था। लेकिन समय बीतने के साथ ही गुड़ का प्रयोग कम होता गया। हालांकि, पूजा अर्चना में गुड़ अभी भी शामिल किया जाता है। ऐसे में नवरात्रि की सप्तमी को की जाने वाली पूजा में गुड़ का उपयोग जरूर करें।

अष्टमी तिथि

नवरात्रि में पूजन के समय जिस का उपयोग सबसे ज्यादा होता है, वह नारियल ही है। मां को नारियल चढ़ाया जाता है। ऐसे समय में अष्टमी में नारियल जरूर चढ़ाएं। यह लोगों में मौजूद किसी भी तरह की पीड़ा को दूर करता है।

दिवाली में मां की पूजा करने के समय धान के लावा को शामिल किया जाता है। यह सिर्फ दिवाली में ही नहीं, बल्कि नवरात्रि में भी काफी इस्तेमाल होता है। मान्यता है कि नवरात्रि के नवमी को यदि धान का लावा से पूजा की जाए तो इससे जीवन में खुशहाली आती है।

Share This News :