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भारत ने रूस के साथ किया अकुला-2 न्यूक्लियर पनडुब्बी समझौता

भारत ने रूस के साथ अकुला-2 न्यूक्लियर पनडुब्बी समझौता किया है। इसकी पुष्टि रूस की एक पत्रिका ने की है। इस पनडुब्बी के भारतीय बेडे में आने से नौसेना और ताकतवर होगी।

रूस की पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, इस डील को सार्वजनिक नहीं गया था, लेकिन गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर ये समझौता हुआ है। वैसे साल 2011 से अकुला-2 पनडुब्बी को लीज पर इस्तेमाल कर रहा है और दस साल की लीज का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। ऐसे में भारत को दूसरी पनडुब्बी की जरूरत थी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने गोवा में रूस के साथ 971 पनडुब्बी को लीज पर लेने के लिए रूसी नौसेना के साथ समझौता किया है।

भारत ने रूस के साथ इस पनडुब्बी के लिए 95 करोड़ डॉलर पर दस साल की लीज हासिल की है। लेकिन यह पनडुब्बी परमाणु मिसाइल से लैस नहीं होगी और इससे हिंद महासागर में भारत की निगरानी क्षमता पर भारी इजाफा होगा।

अकुला-2 की क्षमता

- इस पनडुब्बी का वजन 8140 टन है।
- यह पनडुब्बी 100 दिनों तक लगातार समुद्र के भीतर छिपी रह सकती है।
- आम डीजल पनडुब्बियां अधिकतम दो-तीन दिनों तक ही पानी के भीतर रह सकती हैं।
- यह पनडुब्बी युद्धपोत नाशक और पनडुब्बी नाशक टारपीडो से लैस है।

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