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AAP में बढ़ी रार! कुमार विश्वास ने कहा- खामोशी से डरने वालों, 'हम' बोले तो क्या होगा?

आम आदमी पार्टी का आंतरिक घमासान गुरुवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में खुलकर सामने आ गया. कुमार विश्वास के समर्थकों ने विधायक अमानतुल्ला  की गाड़ी  रोकी, तो अमानत के समर्थकों ने भी कुमार विश्वास की गाड़ी रोकी. दोनों के बीच जमकर नारेबाजी हुई. ये सब ठीक तब हुआ जब केजरीवाल अपने काफिले के साथ निकल चुके थे.

कुमार विश्वास बेहद खफा दिखे

AAP नेता कुमार विश्वास इस हंगामे से खासे नाराज दिखे. उन्होंने ट्वीट कर इशारों ही इशारों में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा.

हंगामे के बाद उन्होंने कहा, ' मैं इसदिन के लिए जंतर-मंतर या रामलीला मैदान पर नहीं गया था. यह पार्टी मेरी है. जो लोग 20-25 साल तक दूसरी पार्टी की नौकरी कर आए हैं, वो लोग पार्टी छोड़ कर जाएंगे. पहले मुझे पता था कि बीजेपी और कांग्रेस को मेरे बोलने से डर लगता है, पर लगता है कुछ और लोगों को मेरे बोलने से डर लगता है. पार्टी ने मुझे नहीं बोलने को कहा है, तो मैं आज नहीं बोल रहा हूं. मैं तो पहले ही कहता था कि वह (अमानतुल्ला) केवल मुखौटा है.'

2 नवंबर को राष्ट्रीय परिषद की बैठक के लिए तैयार किए गए एजेंडे से कुमार विश्वास का नाम गायब था. पार्टी कार्यकर्ताओं की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुमार का नाम वक्ताओं की सूची तक में शामिल नहीं था. इसको लेकर तमाम कार्यकर्ताओं ने जब सवाल उठाए तो सिसोदिया ने उन्हें संबोधन के लिए आमंत्रित किया, लेकिन कुमार विश्वास ने फिलहाल संबोधन से इनकार कर दिया.

'आजतक' के पास मौजूद एजेंडे के मुताबिक, सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलने वाली बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन पार्टी की तरफ से भेजे गए एजेंडे में कुमार पूरी तरह साइडलाइन कर दिए गए. अमानतुल्ला खान का निलंबन रद्द होने पर नाराजगी जाहिर कर चुके कुमार विश्वास को पार्टी की ओर से एक बड़ा झटका लगा है.

जब राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुमार विश्वास ने प्रवेश किया तो तो कई कार्यकर्ताओं ने इस पर सवाल उठाया कि वक्ताओं की सूची में कुमार विश्वास का नाम क्यों नहीं है. देश भर से आए तमाम कार्यकर्ता इसके समर्थन में बोलने लगे. कार्यक्रम का संचालन कर रहे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि निश्चित रूप से वे अपना संबोधन कर सकते हैं और उन्होंने कुमार को मंच पर बोलने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन कुमार विश्वास ने इस आमंत्रण को अस्वीकार करते हुए कहा कि फिलहाल अगर उनका नाम नहीं है तो कोई बात नहीं, वह बाद में जरूरत पड़ी तो कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.

साल में कम से कम एक बार होने वाली इस बैठक का आयोजन बाहरी दिल्ली के अलीपुर में किया गया है. आप की राष्ट्रीय परिषद में लगभग 300 सदस्य हैं, जबकि इस बैठक में करीब 150 सदस्यों को विशेष आमंत्रण के द्वारा बुलाया गया है.

इससे पहले राष्ट्रीय परिषद की बैठक काफी हंगामेदार रही है. प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को निष्काषित किया जाना उन्हीं हंगामों में से एक है. इस बार भी एजेंडे में कुमार विश्वास का नाम शामिल नहीं होने से कार्यकताओं में काफी हलचल है.

फिलहाल अरविंद केजरीवाल टीम और कुमार विश्वास टीम के बीच चल रहे शीत युद्ध से कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्तिथि देखी जा सकती है. साथ ही सवाल यह भी उठता है कि 6 महीने पहले कुमार के समर्थन में खड़े रहने वाले विधायक क्या अब भी अपने फैसले पर कायम रहेंगे.

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