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PAK से लगी सीमा पर घुसपैठियों से निपटने लिए बनेगी विशेष समिति

आतंकवादियों और घुसपैठियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाने और उन्हें तुरंत हरकत में लाने के मकसद से विभिन्न राज्यों में एक समिति गठित की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरहदों की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए हर राज्य में समग्र सीमा सुरक्षा ग्रिड तैयार किया जाएगा । घुसपैठ या आतंकवादी गतिविधियों की ठोस सूचना मिलते ही विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल करके फौरन कार्रवाई के वास्ते राज्यों में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक स्थायी समिति गठित की जा रही है ।

इस ग्रिड के तहत सुरक्षा बलों की तैनाती से लेकर आपरेशन की निर्धारित प्रक्रिया को परिभाषित किया जाएगा ताकि आतंकवादी गतिविधियों की सूचना मिलते ही सीमा सुरक्षा बल, राज्य पुलिस और सेना तथा खुफिया एजेंसियों के बीच संपर्क स्थापित करके फौरन कार्रवाई की जा सके। इसतरह की योजना को विकसित करने तथा समय-समय पर इसकी समीक्षा के लिए एक संस्थागत प्रणाली की जरूरत के मद्देनजर इस समिति का गठन किया जा रहा है। इसमें हर राज्य की ग्रिड और विभिन्न एजेंसियों की भूमिका अलग-अलग होगी।

ग्रिड में तारबंदी से पहले सीमा पर सैनिकों तथा सुरक्षा उपकरण एवं प्रणालियों की तैनाती शामिल होगी। इसके अलावा संस्थागत व्यवस्था ,राज्य पुलिस ,सेना ,खुफिया एजेंसियां तथा राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां भी इसका हिस्सा होंगी।

इस समय पाकिस्तान से लगती 2289.66 किलोमीटर की सीमा में से 2034.96 पर तारबंदी, पुल आदि की सीलिंग, सड़क, फ्लड लाइट और बॉर्डर आउट पोस्ट जैसे उपाय किये गये हैं। शेष बची 254.80 किलोमीटर की सीमा को उपर्युक्त उपायों और सुरक्षा उपरकणों की तैनाती से पूरी तरह सील कर दिया जाएगा। यह काम दिसंबर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस 254.80 किलोमीटर सीमा में से 72.95 पर तारबंदी और बंकर बनाने जैसे उपाय किये जाएंगे जबकि 181.85 किलोमीटर में कैमरा ,सेंसर ,राडार ,और लेजर जैसे तकनीकी समाधान लगाने का प्रस्ताव है। इस सरहदी हिस्से में नदी, नालों और दलदली इलाके होने के कारण तैनाती या बंकर जैसे ठोस उपाय करना संभव नहीं है।

सूत्रों के अनुसार बीएसएफ जम्मू ,पंजाब और गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सुरक्षा उपकरणों की तकनीकों का परीक्षण कर रहा है। जम्मू कश्मीर में 9.65 किलोमीटर, पंजाब में 10.37 किलोमीटर तथा राजस्थान में 1.60 किलोमीटर और गुजरात में 233.18 किलोमीटर की सीमा को सील किया जाना बाकी है। इस समय पाकिस्तान से लगती 2289.66 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी गृह मंत्रालय तथा 10.5 किलोमीटर की रक्षा मंत्रालय कर रहा है।

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