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चिड़ियाघर में भारत सकार की गाइडलाईन का कड़ाई से क्रियान्वयन जारी रखें – डॉ. गोयल

कलेक्टर ने राज्य स्तरीय विशेषज्ञ दल एवं अधिकारियों की बैठक लेकर वस्तु-स्थिति जानी

गाँधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में पेंटेड स्टार्क पक्षियों में बर्ड फ्लू (एच-5 एन-8) के लक्षण पाए जाने के बाद जिला प्रशासन व नगर निगम पूरी तरह सतर्क है। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने राज्य शासन द्वारा भेजे गए संयुक्त विशेषज्ञ दल और संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर चिड़ियाघर में किए गए एहतियाती उपायों की वस्तु-स्थिति जानी। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री अनय द्विवेदी और वन संरक्षक एवं पदेन वन मण्डल अधिकारी श्री विक्रम सिंह परिहार भी मौजूद थे।
बेटनरी कॉलेज महू के डीन डॉ. यू के गर्ग के नेतृत्व में आए राज्य स्तरीय विशेषज्ञों के दल ने भी रविवार को सम्पूर्ण चिड़ियाघर का जायजा लिया और संक्रमित पक्षियों सहित अन्य पक्षियों के फीकल (मलमूत्र) सेम्पल‍ लिए हैं। टीम ने चिड़ियाघर परिसर में भारत सरकार की गाइडलाईन एवं प्रोटोकॉल के तहत किए गए एहतियाती उपायों को सही बताया है। साथ ही इसे जारी रखने को कहा।
डॉ. गर्ग एवं उनके साथ आए अन्य विशेषज्ञों ने कलेक्टर को जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) के लिये जारी एक्शन कार्ययोजना-2015 के तहत सभी उपाय किए जाना जरूरी हैं। अभी तक चिड़ियाघर में इसी गाइडलाईन के तहत काम किया जा रहा है। विशेषज्ञ दल ने चिड़ियाघर में शेष बचे पेंटेड स्टार्क (जांगिल) पक्षी का निपटान निर्धारित गाइडलाईन व प्रोटोकॉल के तहत करने की सलाह दी है। विशेषज्ञ दल का कहना था कि शेष बचे पेंटेड स्टार्क पक्षियों से चिड़ियाघर के अन्य पक्षियों के संक्रमित होने का खतरा है।
कलेक्टर डॉ. गोयल ने चिड़ियाघर में शेष पेंटेड स्टार्क पक्षियों एवं उनकी केज (बाड़ा) का निर्धारित गाइडलाईन के तहत तत्परता से निपटान करने की हिदायत चिड़ियाघर प्रभारी को दी। उन्होंने कहा यह कार्रवाई वन मण्डल अधिकारी और उपसंचालक पशुपालन के तकनीकी मार्गदर्शन में अंमाज दें। डॉ. गोयल ने इन पक्षियों की देख-रेख में तैनात कर्मचारियों सहित सम्पूर्ण चिडियाघर के कर्मचारियों का प्रतिदिन स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिये सिविल सर्जन को पृथक से चिकित्सक तैनात करने की हिदायत दी। साथ ही कहा कि चिड़ियाघर के सभी कर्मचारी निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करें और किट पहनकर ही चिड़ियाघर में अपने काम को अंजाम दें। उन्होंने पक्षियों की देखरेख में लगे सभी कर्मचारियों को चिकित्सक की मौजूदगी में टेमीफ्लू टैबलेट खिलाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में बताया गया कि चिड़ियाघर में रविवार को पेंटेड स्टार्क प्रजाति के तीन और पक्षियों की मौत हो गई। इससे पहले इस प्रजाति के 15 पक्षियों की मृत्यु हुई थी। इस प्रकार इस प्रजाति के कुल 18 पक्षियों की चिड़ियाघर में मौत हो चुकी हैं। चिड़ियाघर प्रभारी ने बताया कि इस प्रजाति के कुल 24 पक्षी थे। चिड़ियाघर में अब पेंटेड स्टार्क प्रजाति के 6 पक्षी बचे हैं, इनमें से भी तीन बीमार हालत में हैं। इनके अलावा पेलीकन प्रजाति के तीन जलीय पक्षी थे, इन्हें पृथक कर आईसोलेटेड केज में रखा गया है।
बैठक में राज्य स्तरीय विशेषज्ञ दल में शामिल पोल्ट्री साइंस विभाग अध्यक्ष वेटनरी कॉलेज जबलपुर डॉ. आर पी नेमा, स्टेट डीआई लैब भोपाल के डॉ. जयंत तपाशे व डॉ. तुषार लोखण्डे एवं वेटनरी कॉलेज महू के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. एस डी अदुरिया उपस्थित थे। साथ ही जिले के उपसंचालक पशुपालन डॉ. ओ पी त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच एस जादौन, जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. डी डी शर्मा एवं चिड़ियाघर के प्रभारी श्री प्रदीप श्रीवास्तव सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
एक माह तक चिड़ियाघर बंद रखने का निर्णय
कलेक्टर डॉ. संजय गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में चिड़ियाघर को एक माह तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। आम जनता एवं बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर भारत सरकार की गाइडलाईन के तहत यह निर्णय लिया गया है। तीन सप्ताह तक यदि चिड़ियाघर में किसी पक्षी या अन्य जीव की एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) से मृत्यु नहीं होती है, तब चिड़ियाघर फिर से खोलने पर निर्णय लिया जायेगा।
आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं
कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने आम जनता से अपील की है कि चिड़ियाघर के जलीय पक्षी पेंटेड स्टार्क में पाए गए एवियन इन्फ्लुएन्जा से घबराने की जरूरत नहीं है। यह साधारण किस्म का बर्ड फ्लू है, यह संक्रमण पक्षियों से मनुष्यों में नहीं फैलता है। अपितु पक्षियों से पक्षियों में फैलता है। इससे मनुष्यों को खतरा नहीं है। फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि चिकन (मुर्गा) के शौकीन लोग अच्छी तरह पकाकर ही अण्डा व चिकन खाएँ। आधा उबला चिकन व अण्डा खाने से बचें।

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