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मुलायम ने फिर बुलाया चाचा-भतीजे को, गिले-शिकवे दूर करने में कामयाब रहे नेताजी!

समाजवादी पार्टी और कुनबे में सबसे बड़ी तकरार के बीच लखनऊ में पार्टी की अहम बैठक हुई. बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं. नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया. मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा. कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं.' अख‍िलेश बोलते-बोलते रो पड़े. उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना. बैठक के दौरान मुलायम सिंह ने अखिलेश से कहा कि शिवपाल तुम्हारे चाचा हैं, गले लगो. बाद में दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया. बैठक के बाद मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा. सूत्रों के अनुसार मुलायम सिंह अखिलेश और शिवपाल को मनाने में सफल हो गए हैं.

खबर है कि गले मिलने के बाद शिवपाल और अखिलेश के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. चश्मदीद के अनुसार, शिवपाल ने अखिलेश से माइक छीन लिया. शिवपाल ने अखिलेश से कहा कि क्यों झूठ बोलते हो? दोनों के बीच तीखी बहस हुई. सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को अलग किया.

अखिलेश यादव ने बैठक के बाद मुलायम सिंह के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. वापसी में अखिलेश अपने सर्मथकों से भी मिले. शिवपाल भी मुलायम सिंह के आवास पहुंचते थे. तीनों के बीच करीब आधा घंटे की बैठक हुई. मुलायम सिंह ने फिर से दोनों को बुलाया है. मुलायम ने कहा है कि मतभेद दूर करें या टूट के लिए तैयार रहें. पार्टी टूटने पर कार्यकर्ता माफ नहीं करेेगा.

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर नेताजी के खिलाफ साजिश होगी तो मैं कार्रवाई करूंगा. रामगोपाल यादव ने कभी किसी को हटाने के लिए नहीं बोला. मैंने हमेशा पार्टी को आगे बढ़ान का काम किया. अगर मैंने कोई सीमा लांघी है तो माफ करना. अखिलेश ने स्पष्ट किया कि टिकट का बंटवारा वो ही करेंगे.

 à¤à¤• इशारे पर युवा खड़े हो जाएंगे
बैठक में मुलायम सिंह ने कहा कि मैं पार्टी के हालातों को लेकर दुखी हूं. जो अभी उछल रहे हैं, एक लाठी मार दी जाए तो पता नहीं चलेगा. जो अखिलेश के लिए नारा लगा रहे हैं, उन्हें क्या पता हमने क्या लड़ाई लड़ी. नारेबाजी करने वालों को निकाल देंगे. शिवपाल सिंह जनता के नेता हैं. मैं शिवपाल के काम को नहीं भूला सकता. मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं. मुलायम ने कहा क जो आलोचना नहीं सुन सकता, वो नेता नहीं बन सकता. हमारे एक इशारे पर युवा खड़े हो जाएंगे. ऐसा ना सोचें कि युवा हमारे साथ नहीं है. एक इशारे पर युवा कुछ भी कर देगा. अमर सिंह का बचाव करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि अमर सिंह मेरा भाई है. अमर सिंह ने कई बार हमारी मदद की. अमर सिंह नहीं होते तो मुझे 7 साल की जेल हो जाती. शिवपाल और अमर सिंह के खिलाफ नहीं सुन सकता. मैं और शिवपाल कभी अलग नहीं हो सकतेे.
अखिलेश को फटकार
मुख्तार अंसारी का बचाव करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि मुख्तार का परिवार ईमानदार है. उप-राष्ट्रपति उस परिवार से आए हैं. मैं जानता हूं कि पार्टी टूट नहीं सकती. मुलायम ने अखिलेश को फटकार लगाते हुए कहा कि पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया है. क्या जुआरियों और शराबियों की मदद कर रहे हो? क्या अकेले चुनाव जीता सकते हो? तुम्हारी हैसियत क्या है? हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. हमें हमारी कमजोरी दूर करनी होगी और एक-दूसरे से लड़ना छोड़ना होगा.

अखिलेश पर शिवपाल के गंभीर आरोप
बैठक में अखिलेश पर आरोप लगाते हुए शिवपाल ने कहा कि अखिलेश अलग पार्टी बनाना चाहते थे. ये बात मैं अपने बेटे की कसम खाकर कहता हूं. मैं गंगा जल हाथ में लेने को तैयार हूं. अखिलेश ने दूसरी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को कहा. पार्टी में रामगोपाल यादव की दलाली नहीं चलेगी. अमर सिंह का पक्ष लेते हुए शिवपाल ने कहा कि 2003 में अमर सिंह की मदद से सरकार बनी थी. सपा में वहीं लोग रहेंगे, जो ईमानदार हैं. मुख्तार अंसारी का नाम लेकर मुझे बदनाम किया गया. शिवपाल ने कहा कि यूपी का नेतृत्व नेताजी संभालें. मुझे पार्टी चलाने की छूट मिले.

वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम लोगों को पार्टी से निकालेंगे. नेताजी ने पार्टी को खड़ा करने में काफी संघर्ष किया. आज जहां पार्टी खड़ी है, वो सिर्फ नेताजी की वजह से है. मैंने भी पार्टी के लिए बहुत योगदान दिया है. अनुशासनहीनत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 1972 में हमने पार्टी बनाई. गांवों में साइकिल से प्रचार करते थे. हमने साथ में जेल में समय बिताया. पूरे राज्य में हम साइकिल से घूमे.

इससे पहले रविवार का दिन समाजवादी पार्टी के लिए भारी उठापटक और हंगामे से भरा रहा. एक के बाद एक बड़े फैसले लिए गए. बर्खास्तगी और निष्कासन का दौर चला. रविवार को पार्टी से निकाले गए रामगोपाल यादव ने 'आज तक' से कहा कि अखिलेश अपने आप में एक पार्टी हैं.

बैठक से पहले शिवपाल और अखिलेश के समर्थन पार्टी दफ्तर पर इकट्ठे हो रहे हैं. दोनों तरफ के समर्थक जमकरनारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान हंगामे की भी खबरें हैं. इस दौरान शिवपाल का पोस्टर दिखा रहे शख्स को अखिलेश समर्थकों ने पीटा.

'कीमत चुकाएगी पार्टी'
इस पूरे घटनाक्रम पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि जो भी हो रहा है, पार्टी को उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. रामगोपाल को हटाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. वो बीजेपी से नहीं मिल सकते. नेताजी और मुख्यमंत्री को बैठकर इस पर समाधान निकालना चाहिए. कुछ बाहरी लोग पार्टी और परिवार में आग लगाने का काम कर रहे हैं. हर कोई जानता है कि ये कौन कर रहा है. हम पार्टी और परिवार को एक साथ करने की कोशिश करेंगे.

पार्टी के हालात पर भावुक हुए मुलायम
सपा में मची घमासान पर मुलायम सिंह यादव ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने पार्टी के मौजूदा हालात पर भावुक होते हुए चिंता जताई. नाराजगी जाहिर करते हुए मुलायम ने कहा कि जब मैं रामगोपाल से मिलना चाह रहा था तो वो वक्त देकर कहीं और चले गए. अपने आवास पर हुई इस बैठक में अखिलेश द्वारा निकाले गए लोगों को देखकर मुलायम ने मजाक में कहा कि क्या ये शहीदों की बैठक हो गई?

रामगोपाल को पार्टी से निकाला
रविवार को मुलायम सिंह यादव के एक भाई ने दूसरे भाई को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव पर तमाम पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. साथ ही उन्हें पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया है. वहीं सूत्रों की मानें तो रामगोपाल पर कार्रवाई से सीएम अखिलेश यादव और नाराज हो गए हैं और वो लगातार रामगोपाल के संपर्क में à

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