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बर्ड फ्लू : मारे जाएंगे बचे पेंटेड स्टार्क, चिड़ियाघर एक माह रहेगा बंद

ग्वालियर,  

गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए शेष बचे 6 पेंटेड स्टार्क को सोमवार को मार दिया जाएगा। वहीं, अब तक इसी बाड़े में रह रहे 3 पेलिकन (जलीय पक्षी) को अलग कर दिया गया है। बर्ड फ्लू को लेकर वेटरनरी कॉलेज महू के डीन डॉ.यूके गर्ग के नेतृत्व में आई टीम ने रविवार को चिड़ियाघर का गहन निरीक्षण किया। यहां तैनात अमले को बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी। इसके बाद कलेक्टर डॉ.संजय गोयल के साथ एक मीटिंग कर निरीक्षण रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने एक महीने तक चिड़ियाघर को आमजन के लिए बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

शेष को मारा जाना जरूरी

डॉ.यूके गर्ग व उनके साथ आए विशेषज्ञों ने कलेक्टर को बताया कि शेष बचे 6 पेंटेड स्टार्क में से 3 की स्थिति गंभीर है। हो सकता है कि वे सोमवार तक स्वतः ही मर जाएं। ऐसे में बेहतर होगा कि हम सभी को सोमवार को ही मार दें। दल के अनुसार इनके चिड़ियाघर में बने रहने से अन्य पक्षियों और इधर-उधर बर्ड फ्लू का वायरस एच-5 एन-8 फैल सकता है। मामले में कलेक्टर ने निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए चिड़ियाघर अधिकारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव को शेष बचे पेंटेड स्टार्क के निपटान के निर्देश दिए। यह प्रक्रिया डीएफओ विक्रम सिंह परिहार और उप संचालक पशुपालन ओपी त्रिपाठी के तकनीकी मार्गदर्शन में होगी।

कर्मचारियों का भी रोज परीक्षण

दल ने बर्ड फ्लू संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तैयार गाइड लाइन बताई। इसके आधार पर कलेक्टर ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी देखरेख में चिड़ियाघर के संक्रमित पक्षियों के बाड़े पर तैनात कर्मचारियों को टैमी फ्लू की टेबलेट खिलवाएं। पृथक से एक चिकित्सक की तैनाती यहां के कर्मचारियों का हर दिन स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए करें।

सब कुछ ठीक रहने पर ही खुलेगा चिड़ियाघर

दल द्वारा बताई गई भारत सरकार की गाइड लाइन के मद्देनजर कलेक्टर ने अगले एक माह तक चिड़ियाघर बंद रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि यदि अगले तीन सप्ताह तक किसी अन्य पक्षी की बर्ड फ्लू के संक्रमण से मौत नहीं होती तो एक सप्ताह तक और इंतजार किया जाए, उसके बाद चिड़ियाघर खोलें।

डिस्इन्फेक्शन का लेना होगा सर्टिफिकेट

वहीं, जानकारों के अनुसार कलेक्टर ने भले ही एतिहात के तौर पर चिड़ियाघर को एक माह के लिए ही बंद किया हो, लेकिन अब इस चिड़ियाघर को डिस्इन्फेक्शन का सर्टिफिकेट लेने के बाद ही खोला जा सकेगा। इसके लिए तय समयावधि बाद सैंपल लिए जाएंगे। सैंपल के परीक्षण में सब कुछ ठीक निकलने पर ही इसे खोला जा सकेगा।

3 और मरे, 6 को किया अलग

रविवार को सुबह जब पेंटेड स्टार्क के केजों को खोला गया तो उसमें तीन पेंटेड स्टार्क और मरे मिले। शेष 3 की स्थिति इतनी कमजोर थी कि वह अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रहे हैं। निरीक्षण दल की सलाह पर शेष बचे 6 पेंटेड स्टार्क को अलग केज में शिफ्ट कर दिया गया है। दरअसल इनके साथ 3 जलीय पक्षी पेलिकन भी अब तक रह रहे थे। ऐसे में अब आशंका यह भी लग रही है कि कहीं बर्ड फ्लू वायरस का असर पेलिकन पर भी न हो जाए।

18 सैंपल लिए और हर केज की ली जानकारी

वेटरनरी कॉलेज महू के डीन डॉ.यूके गर्ग के नेतृत्व में आए राज्य स्तरीय जांच दल ने सुबह 9 बजे ही चिड़ियाघर पहुंचकर अपना कामकाज शुरू कर दिया था। दल यहां दोपहर लगभग 2 बजे तक रहा। दल में वेटरनरी कॉलेज जबलपुर के पोल्ट्री साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ.आरपी नेमा, स्टेट डीआई लैब भोपाल के डॉ.जयंत तपाशे, डॉ तुषार लोखण्डे, वेटरनरी कॉलेज महू के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. एसडी अदुरिया शामिल रहे। दल को सहयोग के लिए उपसंचालक पशुपालन डॉ. ओपी त्रिपाठी, चिड़ियाघर प्रभारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ.भूपेन्द्र यादव व चिड़ियाघर का अन्य अमला मौजूद रहा।

दल ने रविवार को मरे मिले 3 पेंटेड स्टार्क की फुल बॉडी को जांच के लिए भोपाल की डीआई लैब में भेजा। शेष बचे 6 पेंटेड स्टार्क, इसी बाड़े में रहने वाले 3 पेलिकन पक्षियों के सैंपल लिए। इसके अलावा 6 सैंपल इन पक्षियों के फीकल (मलमूत्र) के भी लिए।

ये दी हिदायद

-पूरे परिसर को ही आइसोलेट करें।

-केवल निर्धारित कर्मचारी ही केज तक जाएं।

-एक केज की देखरेख के लिए तैनात कर्मचारी दूसरे केज में सेवाएं नहीं दे।

- ड्यूटी के दौरान पीपी किट पहनें, वापस आने पर उसे आग के हवाले करें।

- तय गाइडलाइन के अनुसार नियमित रूप से दवाओं का छिड़काव करें।

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