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सपा में ही रहेंगे अमर सिंह, सीएम के ऊपर है शिवपाल को कैबिनेट में लेने का फैसला: मुलायम सिंह

समाजवादी पार्टी में उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को पूरे दिन पार्टी और यादव परिवार का हाई-वोल्टेज ड्रामा जारी रहा. लखनऊ में बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद से सुलह की कोशिश जारी रही, लेकिन सुलह का रास्ता नहीं निकल पाया. मंगलवार को मुलायम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए. हालांकि शिवपाल इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम के साथ रहे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह ने कहा कि हमारा परिवार एक है, पार्टी एक है. पूरी ताकत से सभी नेता एक हैं. पार्टी में कुछ लोग साजिश कर रहे हैं. अखिलेश मुख्यमंत्री बने रहेंगे. अमर सिंह को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा. मंत्रियों की वापसी का फैसला सीएम पर छोड़ता हूं. 2017 में पार्टी का नेता के सवाल पर मुलायम सिंह ने कहा कि इस पर फैसला बहुमत के बाद करेंगे. विधायक ही अपना नेता चुनेंगे. वहीं रामगोपाल पर मुलायम ने कहा कि उसकी बात का कोई महत्व नहीं है. कैबिनेट में शिवपाल की वापसी पर कहा की इस पर फैसला अखिलेश लेंगे. मुलायम सिंह ने स्पष्ट किया कि वो मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं.

मंगलवार सुबह मीडिया से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि पार्टी में सबकुछ ठीक है. जो भी नेताजी कहेंगे उसका पालन होगा. सरकार में वापसी के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि जो भी नेताजी कहेंगे मैं उसका पालन करूंगा.

'पिता को बेटे की लोकप्रियता से जलन'
इस बीच रामगोपाल यादव ने एक बार फिर अपने भाई मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'मुलायम सिंह यादव को अखिलेश की लोकप्रियता से जलन हो रही है. हर बाप चाहता है कि उसका बेटा आगे बढ़े लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा.' इससे पहले सोमवार देर शाम अखिलेश यादव ने अकेले जाकर मुलायम सिंह से उनके घर पर मुलाकात की. जबकि शिवपाल यादव सीएम अखिलेश के आवास पर करीब 1 घंटे तक इंतजार करते और फिर वापस लौट गए. मुलायम सिंह ने कहा कि 2012 में बहुमत मेरे नाम पर मिला.

सोमवार को हुई बैठक के बाद अब सभी की निगाहें अखिलेश पर हैं, क्योंकि सपा सुप्रीमो ने स्पष्ट कर दिया है कि वो शिवपाल और अमर सिंह को अलग नहीं कर सकते. ऐसे में मुश्किलें अखिलेश के लिए ही खड़ी होती हैं. अटकलें हैं कि अगर अखिलेश की शर्तें नहीं मानी गईं तो वो नई पार्टी का गठन कर सकते हैं. उससे पहले उनकी कोशिश सपा में ही वर्चस्व बनाए रखने की होगी. सोमवार को ही खबर आई कि पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव एक बार फिर अखिलेश समर्थक 10 और नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं.

पार्टी में बने रहेंगे अखिलेश
सोमवार को हुई बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं. नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया. मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा. कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं.' अखिलेश बोलते-बोलते रो पड़े. उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना. बैठक के बाद मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा.

चाचा-भतीजे में नोंकझोंक
बैठक के दौरान मुलायम सिंह ने अखिलेश से कहा कि शिवपाल तुम्हारे चाचा हैं, गले लगो. बाद में दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया. गले मिलने के बाद शिवपाल और अखिलेश के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. चश्मदीद के अनुसार, शिवपाल ने अखिलेश से माइक छीन लिया. शिवपाल ने अखिलेश से कहा कि क्यों झूठ बोलते हो? दोनों के बीच तीखी बहस हुई. सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को अलग किया.

एक इशारे पर युवा खड़े हो जाएंगे
बैठक में मुलायम सिंह ने कहा कि मैं पार्टी के हालातों को लेकर दुखी हूं. जो अभी उछल रहे हैं, एक लाठी मार दी जाए तो पता नहीं चलेगा. जो अखिलेश के लिए नारा लगा रहे हैं, उन्हें क्या पता हमने क्या लड़ाई लड़ी. नारेबाजी करने वालों को निकाल देंगे. शिवपाल सिंह जनता के नेता हैं. मैं शिवपाल के काम को नहीं भूला सकता. मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं. मुलायम ने कहा क जो आलोचना नहीं सुन सकता, वो नेता नहीं बन सकता. हमारे एक इशारे पर युवा खड़े हो जाएंगे. ऐसा ना सोचें कि युवा हमारे साथ नहीं है. एक इशारे पर युवा कुछ भी कर देगा. अमर सिंह का बचाव करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि अमर सिंह मेरा भाई है. अमर सिंह ने कई बार हमारी मदद की. अमर सिंह नहीं होते तो मुझे 7 साल की जेल हो जाती. शिवपाल और अमर सिंह के खिलाफ नहीं सुन सकता. मैं और शिवपाल कभी अलग नहीं हो सकते.

अखिलेश पर शिवपाल के गंभीर आरोप
बैठक में अखिलेश पर आरोप लगाते हुए शिवपाल ने कहा कि अखिलेश अलग पार्टी बनाना चाहते थे. ये बात मैं अपने बेटे की कसम खाकर कहता हूं. मैं गंगा जल हाथ में लेने को तैयार हूं. अखिलेश ने दूसरी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को कहा. पार्टी में रामगोपाल यादव की दलाली नहीं चलेगी. अमर सिंह का पक्ष लेते हुए शिवपाल ने कहा कि 2003 में अमर सिंह की मदद से सरकार बनी थी. सपा में वहीं लोग रहेंगे, जो ईमानदार हैं. मुख्तार अंसारी का नाम लेकर मुझे बदनाम किया गया. शिवपाल ने कहा कि यूपी का नेतृत्व नेताजी संभालें. मुझे पार्टी चलाने की छूट मिले.

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