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विकास और हिन्दुत्व के सहारे ही बीजेपी खेल रही है यूपी चुनाव जीतने का सबसे बड़ा दांव!

सहारनपुर। यूपी के सहारनपुर में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हरी झंडी दिखाई। अमित ने जनसभा को भी संबोधित किया। यूपी के अलग-अलग कोनों से ऐसी तीन और बीजेपी की परिवर्तन यात्रा को अमित शाह रवाना करेंगे। केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी की ये कोशिश है तो बहुत अहम, लेकिन इसके साथ ये भी जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि बीजेपी यूपी का किला फतह करने के लिए क्या रणनीति इख्तियार करेगी।
सहारनपुर की इस जनसभा में सबसे पहले नजर पड़ती है चारों ओर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी अलग सरकारी योजना के होर्डिंग की। इसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ समेत सारी योजनाएं नजर आती हैं, जिनकी घोषणा मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान की है। करीब आधा दर्जन बीजेपी सांसदों ने अपने भाषण में इसी विकास यात्रा का जिक्र किया है और जनता से बीजेपी को वोट देने की अपील की है।
ये तो पन्ने की एक तरफ का हिस्सा था, दूसरी ओर रणनीति का दूसरा हिस्सा नजर आता है। परिवर्तन रैली अध्यक्ष, मंत्री, सांसद और विधायक सबके भाषण में हिन्दुत्व की झलक दिखाई दी। कैराना के सांसद हुकुम सिंह ने कहा कि अगर उनके लोकसभा इलाके में हिन्दू पलायन कर रहे हैं तो इन्हें बचाना उनकी जिम्मेदारी है। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान ने कहा कि मौजूदा सपा सरकार धर्म और जाति को देखकर ही मुकदमा दर्ज करती है। रैली के आखिर में सहारनपुर के सांसद राघव लखनपाल ने अपना नारा जय श्री राम देकर खत्म किया। हालाकि दूसरे केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्रा और सांसद सत्यपाल सिंह ने विकास की बात की,लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के भाषण से तो मानो बीजेपी रणनीति का ये हिस्सा पूरी तरीके से साफ हो गया।
भाषण शुरू करते ही शाह ने कहा कि भारत माता का नारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के लोग इतनी तेज बोलें कि इसकी आवाज पूर्वी उत्तर प्रदेश के बनारस में भगवान शिव यानि बाबा विश्वनाथ को सुनाई दे। उन्होंने कहा कि यूपी ने मोदी को सांसद बनाया और यूपी से ही इतने सांसद आए कि भोलेशंकर की कृपा से केन्द्र में मोदी सरकार बनी।
बीजेपी अध्यक्ष ने विकास का भी जिक्र किया और सपा, बसपा,कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा। इसके अलावा उनका ये भी कहना था कि अखिलेश की पार्टी में मुख्तार, आजम, अतीक और अफजाल हैं, बसपा में नसीमुद्दीन सिद्दीकी हैं। ये सब अपराधी हैं पर बीजेपी में ऐसा कोई नाम नहीं है। उन्होंने ट्रिपल तलाक पर केन्द्र सरकार के रुख के जरिए मुस्लिम महिलाओं से संवेदना जरूर दिखाई, पर जो रुख अध्यक्ष और उनके सांसदों का दिखा उससे एक बात साफ है कि बीजेपी 2014 लोकसभा चुनाव जीत के फार्मूले को 2017 में दोहराने के लिए तैयार दिख रही है।

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