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बीजेपी के परिवर्तन रथ से दलित चेहरा गायब, पूछा तो जवाब आया 'जगह नहीं थी!'

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का राजनैतिक माहौल बेहद गर्म हो चला है। चुनावों की घोषणा भले ही अभी दूर हो लेकिन राजनीतिक दल अपने प्रचार में कोई कमी नहीं रखना चाहते। प्रदेश के सभी बड़े दलों ने प्रचार शुरू कर दिया है। प्रदेश में समाजवादी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां अपनी विकास से विजय की ओर रथ यात्रा निकाल रहे हैं, वहीं बीजेपी ने अखिलेश के रथ के जवाब में परिवर्तन यात्रा शुरू की है। प्रदेश में चार जगहों से निकलने वाली इस यात्रा के दो रथ निकल चुके हैं और अगले दो दिनों में बाकी के दो रथों को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे। पर बीजेपी की इस रथ यात्रा के शुरू होते ही उससे एक विवाद जुड़ गया है। बीजेपी के इस रथ में किसी भी दलित नेता की तस्वीर नहीं है।
पिछले कुछ महीनों से प्रदेश में दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में बीजेपी ने कई कार्यक्रम किए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक ओर जहां दलित भोज कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में निकली धम्म चेतना यात्रा को बीजेपी पूरा-पूरा समर्थन दे चुकी है। यहां तक कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बीजेपी की ओर से दलित कार्यकर्ता सम्मेलन किए जा चुके हैं। इतनी कोशिशों के बीच भी परिवर्तन यात्रा में किसी भी दलित चेहरे को जगह न देना बीजेपी के लिए गले की फांस बन रहा है। पार्टी को इस मामले में सफाई देते नहीं बन रहा है। ऐसे में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि पार्टी के पास चेहरों की कमी नहीं है, बस में जगह नहीं थी लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों में दलित नेता इस यात्रा की अगुवाई करेंगे।
विपक्षी पार्टियां बीजेपी की इस रणनीतिक चूक का फायदा उठाना चाहती हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बीजेपी जो दलितों के वोट के लिए राजनैतिक ढोंग कर रही थी उस पर से अब पर्दा उठ गया है। जब दलित समाज ने बीजेपी का साथ नहीं दिया तो उनकी सच्चाई सामने आ गई। धीरे-धीरे बीजेपी बाबा साहब का भी नाम लेना बंद कर देगी। वहीं कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी का असली चेहरा ही दलित विरोधी है। पार्टी प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि ये दिखाता है कि बीजेपी की असलियत क्या है। इसे वो छिपा नहीं पाए।
गौरतलब है कि बीजेपी के इस परिवर्तन रथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, उमा भारती और कलराज मिश्रा की तस्वीरें हैं। बीजेपी के चार रथों को प्रदेश के अलग-अलग कोनों से शुरू कर 24 दिसंबर को लखनऊ में यात्रा का समापन किया जाएगा। इस समापन समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद होंगे। अब सवाल ये है कि इतनी बड़ी रणनीति और तैयारी के साथ शुरू हुई इस यात्रा में ये चूक हो जाना गलती है या सोचा समझा फैसला? इसे बीजेपी को ही साफ करना होगा।

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