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सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे पर उठे सवाल पर केंद्र सरकार ने सफाई दी

देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे पर उठे सवाल पर केंद्र सरकार ने सफाई दी है. मोदी सरकार ने कहा कि दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना (DDUGJY) के तहत तय किए गए गांवों में निर्धारित समय से पहले ही बिजली पहुंचाई जा चुकी है. हालांकि मीडिया दावा कर रहा है कि भारत के सभी गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है.

केंद्र सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि मीडिया जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुंचने की बात कर रहा है, वो गांव नहीं, बल्कि बस्ती, टोला, गांवड़ी, ढाणी और माजरा हैं. दरअसल, शनिवार को पीएम मोदी ने देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का दावा किया था.

उन्होंने ट्वीट किया था, ''28 अप्रैल 2018 को भारत के विकास के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा. कल हमने एक ऐसी वचनबद्धता पूरी की है, जिससे तमाम भारतीयों का जीवन हमेशा के लिए बदल जाएगा. मैं इस बात से खुश हूं कि अब भारत के हर गांव में बिजली पहुंच चुकी है.''

इसके बाद मीडिया में यह खबर आई कि मोदी सरकार भले ही शत-प्रतिशत गांवों में बिजली पहुंचाने का दावा कर रही हो, लेकिन कुछ गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है.

केंद्र सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति ने कहा गया कि मीडिया रिपोर्ट में यह बात दोहराई जा रही है कि सरकार ने दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना (DDUGJY) के तहत उन सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्‍य तय किया था, जिसकी पहचान जनगणना कोड के अनुसार की गई थी और जिसके बारे में एक अप्रैल 2015 तक राज्‍यों द्वारा जानकारी दी गई थी.

सरकार ने कहा कि इन सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का कार्य पूरा होने के बारे में जानकारी सभी संबंधित राज्‍यों ने ही दी है. हालांकि यह हो सकता है कि उप-ग्राम इकाइयों जैसे कि बस्ती, टोला, गांवड़ी, ढाणी और माजरा में स्थित कुछ घरों में बिजली अब तक न पहुंची हो.

मध्य प्रदेश के इन इलाकों में बिजली नहीं पहुंचने की आई थी खबर

मोदी सरकार ने कहा कि मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में स्थित तीन गांव (झनदाना, अम्‍बा और चमेली) सरदार सरोवर के डूब क्षेत्रों में आते हैं. यहां रहने वाले ग्रामीणों का पुनर्वास ककराना गांव में कर दिया गया है, जहां बिजली पहुंच चुकी है. हालांकि कुछ ग्रामीण एक अन्‍य निकटवर्ती इलाके में चले गए हैं, जो एक ऐसी बस्ती है, जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है.

रायसेन जिले के खननपुरा गांव में पहले ही बिजली पहुंचाई जा चुकी है और इससे जुड़े टोले में गहन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है. रायसेन जिले के पांच अन्‍य गांव (जैतगढ़, बिली, पोंड, रामगढ़ और गोपालपुर) वनों में स्थित हैं, जहां के घरों में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली पहुंचाई गई है.

राजस्थान और झारखंड के इन गांवों पर भी सरकार की सफाई

राजस्थान के धोलपुर जिले के सभी बसे हुए राजस्व/जनगणना गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है. मीडिया में जिन गांवों के नामों का जिक्र किया गया है, वे राजस्‍व/जनगणना गांव नहीं हैं, बल्कि ढाणी हैं. गोलेकापुरा और शंकरपुरा ढाणियों में गहन विद्युतीकरण कार्य पूरे हो चुके हैं और शेष बची ढाणियों यानी घुरइया हेरा, हतियाखर, केहरीकानगला, हरिपुरा और ठाकुरपुरा में भी विद्युतीकरण का काम चल रहा है.

राजघाट गांव वर्तमान में धोलपुर के नगरपालिका क्षेत्र में आता है, जहां के शहरी क्षेत्रों में स्थित घरों में बिजली की सुविधा है, बशर्ते कि उनका कनेक्‍शन काट न दिया गया हो. केंद्र सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया कि मीडिया में झारखंड के जिस सपरूम गांव में बिजली नहीं होने की बात कही गई है, वह एक विद्युतीकृत गांव है, लेकिन वहां लम्‍बे समय से बिजली बाधित है.

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