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प्रोन्नति के लिए जस्टिस जोसेफ का नाम दोबारा भेजेगा SC कॉलेजियम

नई दिल्ली। à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• नियुक्तियों को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच तनातनी के आसार के बीच आज कॉलेजियम की बैठक हुई। बैठक मेें जस्टिस केएम जोसेफ का नाम सरकार को दोबारा भेजे जाने के लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है लेकिन उनके साथ कुछ और नामों की संस्तुतियां की जाएंगी, जिसपर 16 मई को फिर बैठक में विचार होगा। तब तक के लिए जोसेफ के नाम की सिफारिश भेजने का फैसला टाला गया है।

 

 

 

लगभग एक घंटे चली बैठक में ये फैसला लिया गया। इससे पहले जस्टिस चेलमेश्वर ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और कोलेजियम के सदस्य तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों को लिखे पत्र में जस्टिस केएम जोसफ को शीर्ष कोर्ट के जज के तौर पर प्रोन्नति किये जाने के लिये कॉलेजियम की मीटिंग बुलाने को कहा था।

 

जस्टिस चेलमेश्वर ने 9 मई को CJI को भेजा था पत्र

 

बता दें, कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के पांच शीर्ष जज होते हैं, यानी चीफ जस्टिस और वरीयता क्रम में चार जज। सूत्र बताते हैं कि जस्टिस चेलमेश्वर ने 9 मई को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर व कुरियन जोसेफ को लिखे पत्र में केएम जोसेफ की प्रोन्नति की सिफारिश दोबारा सरकार को भेजे जाने की बात कही है। चिट्ठी में कहा गया है कि कॉलेजियम ने जब गत 10 जनवरी को जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी तब से अब की परिरिस्थतियों में कोई अंतर नहीं आया है, इसलिए कॉलेजियम को अपनी सिफारिश दोहरानी चाहिए।

 

इसलिए सरकार ने वापस भेजा नाम

 

बता दें कि कॉलेजियम ने गत 10 जनवरी को जस्टिस केएम जोसेफ और वरिष्ठ वकील इंदू मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्ति किये जाने की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी थी। सरकार ने मल्होत्रा की सिफारिश तो मंजूर कर ली परन्तु जस्टिस जोसेफ की सिफारिश को दोबारा विचार के लिए वापस भेज दी थी। सरकार का कहना है कि जस्टिस जोसेफ आल इंडिया सीनियरिटी में 42वें नंबर पर और हाईकोर्ट चीफ जस्टिस सीनियरिटी में 11 वें नंबर पर हैं। इसके अलावा वे केरल से आते हैं और केरल का पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। सरकार का कहना है कि जस्टिस जोसेफ आल इंडिया सीनियरिटी में 42वें नंबर पर और हाईकोर्ट चीफ जस्टिस सीनियरिटी में 11 वें नंबर पर हैं। इसके अलावा वे केरल से आते हैं और केरल का पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है।

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