वाराणसी में हादसा चूक नहीं, साफ-साफ लापरवाही का नतीजा, गईं 15 जानें
ये अजीब सा दसà¥à¤¤à¥‚र होता जा रहा है कि जबतक हादसे नहीं हो जाते तबतक सरकारें à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ में नहीं आतीं. मगर सवाल ये है कि हादसों पर लगाम कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं लग रही. सवाल ये à¤à¥€ है कि वाराणसी में हà¥à¤ इतने बड़े हादसे का जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° कौन है. इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चà¥à¤•à¥€ है और 11 लोग गंà¤à¥€à¤° रूप से जखà¥à¤®à¥€ हैं.
बनारस के कैंट रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के सामने बन रहे इस ओवरबà¥à¤°à¤¿à¤œ पर 6 बड़े बड़े गारà¥à¤¡à¤° लगे थे, जिनमें à¤à¤• तरफ के तीन गारà¥à¤¡à¤° सीधे सड़क पर आ गिरे थे. जिसके नीचे कारें दब गईं, à¤à¤• मिनी बस दब गई, पैदल चलते लोग दब गà¤, ऑटो, साइकिल और रिकà¥à¤¶à¤¾ वाले लोग दब गà¤. शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ जांच में पता चला है कि पà¥à¤² पर पतà¥à¤¥à¤° के सà¥à¤²à¥ˆà¤¬ लगाठजा रहे थे. इसी दौरान कà¥à¤°à¥‡à¤¨ टूटने की वजह से गारà¥à¤¡à¤° नीचे से गà¥à¤œà¤° रहे लोगों और वहां खड़ी गाड़ियों पर जा गिरा.
à¤à¤• सवाल उस पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के नाम जिसने इस फà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤“वर को बनाने का जिमà¥à¤®à¤¾ संà¤à¤¾à¤²à¤¾ था. à¤à¤• सवाल उस पीडबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚डी विà¤à¤¾à¤— पर जिसकी देखरेख में ये पà¥à¤² बन रहा था लेकिन बनना तो दूर, पहले ही मौत का परवाना लेकर आ गया.