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PNB स्कैम में CBI ने दायर की दूसरी चार्जशीट, मेहुल चौकसी को बताया वॉन्टेड

मुंबई। पीएनबी घोटाले के मामले में सीबीआई ने बुधवार को दूसरी चार्जशीट दायर कर दी है। एजेंसी ने 12 हजार पेज की यह चार्जशीट मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में दायर की है। इसमें मेहुल चौकसी को 'वॉन्टेड' के तौर पर नामित किया गया है। आईपीसी की धारा 409, 420, 120बी के तहत चार्जशीट दायर की गई है।

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को सीबीआई ने साढ़े चौदह करोड़ रुपए पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी सहित कुछ दूसरे लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की थी। यह चार्जशीट 31 जनवरी को दर्ज पहली एफआईआर के आधार पर तैयार की गई थी।

पहली चार्जशीट में नीरव मोदी, पत्नी अमी, भाई निशल और मामा मेहुल चोकसी को आरोपी बनाया गया है।इसमें पीएनबी की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ऊषा अनंतसुब्रमण्यन का नाम भी शामिल है। यह एफआईआर पीएनबी जोनल कार्यालय मुंबई ने दर्ज कराई गई थी। पीएनबी घोटाले में सीबीआई ने अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि घोटाले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी फरार हैं।

पहली चार्जशीट के बाद से ही बैंक अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई थी। इलाहाबाद बैंक के बोर्ड ने मंगलवार को अपनी एमडी एवं सीईओ उषा अनंत सुब्रमण्यन से उनके सभी अधिकार और शक्तियां वापस ले ली थीं। वह इलाहाबाद बैंक में जाने से पहले मई 2017 तक पंजाब नेशनल बैंक की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थीं।

इन अधिकारियों के नाम भी हैं शामिल

सीबीआई की चार्जशीट में बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर केवी ब्रम्हाजी राव और संजीव शरण का नाम भी है। इसके अलावा जनरल मैनेजर (इंटरनेशनल ऑपरेशन) नेहल अहद को भी आरोपी बनाया गया है। जांच एजेंसी ने फ्रॉड केस में मुख्य आरोपी नीरव मोदी के भाई निशाल मोदी और उसकी कंपनी के एग्जीक्यूटिव सुभाष परब की भूमिका का जिक्र भी किया है।

RBI ने आरटीआई के तहत मांगी जानकारी नहीं दी

बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से जुड़ीं उन निरीक्षण रिपोर्ट्स की प्रतियां देने से इंकार कर दिया, जिन्हें आरटीआई के तहत मांगा गया था। आरबीआई ने आरटीआई कानून के उन प्रावधानों का हवाला देते हुए कॉपियां साझा करने से इंकार किया है, जो उन ब्योरों का खुलासा करने से रोकता है, जो जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं या फिर दोषियों पर कार्रवाई में असर डाल सकते हैं।

लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिये की धोखाधड़ी

हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने अपने फर्म के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग को बार-बार जारी कर के पंजाब नेशनल बैंक में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला किया। नीरव मोदी और उनसे जुड़ी कुछ आभूषण बनाने वाली कंपनियां भी इस मामले में आरोपी हैं।

पीएनबी ने मंगलवार को कहा है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगियों की धोखाधड़ी में बैंक की कुल देनदारी लगभग 14 हजार 357 करोड़ रुपए बनती है। नीरव मोदी और उससे जुड़े लोगों पर आरोप है कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत कर साल 2017 में विदेशों से सामान मंगाने के नाम पर बैंकिंग सिस्टम में जानकारी डाले बिना आठ लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवा दिया गया, जिससे बैंक को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।

इस घोटाले में नीरव मोदी का साथ पंजाब नेशनल बैंक का ही एक पूर्व डिप्टी मैनेजर ने दिया था। इस पूर्व डिप्टी मैनेजर पर आरोप है कि फर्जी दस्तावेज यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग देकर विदेश में भारतीय बैंकों से लोन दिलवाया गया।

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