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छत्तीसगढ़, MP, राजस्थान में बीजेपी के खिलाफ मोर्चे के लिए राहुल तैयार

राजनीति में रुचि रखने वाले सभी लोगों की नजरें इस समय कर्नाटक की ओर हैं. वहां सत्ता की चाबी किसके हाथ लगती है. राज्यपाल किसे सरकार बनाने के लिए न्योता देते हैं- सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा को या चुनाव बाद बने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के नेता एचडी कुमारस्वामी को. खैर, दोनों खेमों की ओर से इस दक्षिणी राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए जहां एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक की सियासी सरगर्मी से हट कर उन तीन राज्यों के लिए रणनीति बनाने में लगे हैं, जहां इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं और जहां तीनों राज्यों में ही इस वक्त बीजेपी की सरकार हैं. इन राज्यों के नाम हैं- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान.

कर्नाटक के साथ छत्तीसगढ़ पर नजर

कर्नाटक के पल-पल के घटनाक्रम पर नजर रखने के साथ ही राहुल गांधी गुरुवार 17 मई से छत्तीसगढ़ के दो दिन के दौरे पर जा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच असली मुकाबला अब शुरू हुआ है. 2014 लोकसभा चुनाव के बाद जितने भी राज्यों में चुनाव हुए हैं उनमें गुजरात और पंजाब को छोड़कर कहीं भी बीजेपी सत्तारूढ़ नहीं थी. लेकिन इस साल के आखिर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं जहां तीनों ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में है. इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी में मुकाबला होना है.

छत्तीसगढ़ के लिए कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने इंडिया टुडे से कहा, ‘कर्नाटक में पार्टी के प्रदर्शन के बावजूद ब्रैंड राहुल गांधी मजबूत हुआ है. हमारा वोट शेयर कर्नाटक में बीजेपी से ज्यादा रहा है. बीजेपी ये अच्छी तरह जान रही है कि उसे विपक्षी खेमे में राहुल गांधी की ओर से पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है. इसलिए वो उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों में बाधा खड़ी करने की कोशिश करते हैं.’

छत्तीसगढ़ में विकास खोजो यात्रा

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी सरकार दिसंबर 2003 से सत्तारूढ़ है. 15 साल से प्रदेश की कमान संभालने वाले रमन सिंह ने ‘विकास यात्रा’ की शुरुआत की है. इसे विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के प्रचार अभियान की शुरुआत बताया जा रहा है. रमन सिंह की इसी यात्रा के जवाब में कांग्रेस की छत्तीसगढ़ यूनिट ने रविवार से दंतेवाड़ा से ‘विकास खोजो यात्रा’ शुरू की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ बूथ कमेटी के सदस्यों से भी सीधे संवाद करेंगे.

पुनिया ने कहा, ‘कांग्रेस के पास समर्पित कैडर नहीं था जिसकी वजह से 2014 लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों के चुनाव में पार्टी को बहुत नुकसान हुआ. यही वजह है कि राहुल गांधी ने सभी राज्य प्रभारियों और नेताओं को निर्देश दिए हैं कि बूथ प्रबंधन और संगठन मजबूत बनाने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए. यही वजह है कि वे (राहुल) बूथ स्तरीय कमेटी सदस्यों के साथ मुलाकात करेंगे.’

राजस्थान में दोहरी रणनीति पर अमल

राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट बीते चार साल से वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चे पर डटे हैं. पायलट दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं. पहला, वसुंधरा राज की नाकामियों को लोगों के सामने लाना, और दूसरा- सकारात्मक कैम्पेन के जरिए लोगों को समझाना कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वो लोगों की बेहतरी के लिए कौन कौन से कदम उठाएगी. राजस्थान कांग्रेस ने भी राहुल गांधी से राज्य के दौरे के लिए आग्रह किया है.

सचिन पायलट ने इंडिया टुडे से कहा, ‘हमने उनसे(राहुल) राजस्थान में कैम्पेन के लिए आग्रह किया है. वे गुजरात गए, जहां कोई अन्य विपक्षी नेता जाकर चुनावी अभियानी चलाने की हिम्मत नहीं दिखाता, वहां उन्होंने पूरे राज्य में जमकर कैम्पेन किया. नियमित तौर पर सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री को जिस तरह वे चुनौती दे रहे हैं वैसे और कोई नेता नहीं दे रहा.’

मध्य प्रदेश में प्रचार रणनीति

मध्य प्रदेश के लिए कैम्पेन कमेटी के नवनियुक्त प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश के लिए प्रचार रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ की योजना जून के पहले हफ्ते से पार्टी का प्रचार अभियान शुरू करने की है. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी जून के पहले हफ्ते में मध्य प्रदेश के दौरे पर जा सकते हैं. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 से बीजेपी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान, तीनों ही राज्यों में कांग्रेस की योजना किसानों, युवाओं, महिलाओं, आदिवासियों से जुड़े मुद्दे जोरशोर से उठाने की है. साथ ही पार्टी इन राज्यों में बीजेपी सरकारों की नाकामियों को भी जनता के सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

 

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