जानें, कà¥à¤¯à¤¾ है शंख का धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• महतà¥à¤µ?
शंख का हमारे धरà¥à¤® में बड़ा महतà¥à¤¤à¤µ होता है. शंख मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से à¤à¤• समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ जीव का ढांचा होता है. पौराणिक रूप से शंख की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤¦à¥à¤° से मानी जाती है और कहीं कहीं पर इसको लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी का à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ मानते हैं. कहते हैं जहाठशंख होता है वहां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जरूर होती हैं. मंगल कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के अवसर पर और धारà¥à¤®à¤¿à¤• उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ में à¤à¥€ इसको बजाना शà¥à¤ माना जाता है.
घर में पूजा-वेदी पर शंख की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की जाती है. हमेशा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रहे कि शंख को दीपावली, होली, महाशिवरातà¥à¤°à¤¿, नवरातà¥à¤°, रवि-पà¥à¤·à¥à¤¯, गà¥à¤°à¥-पà¥à¤·à¥à¤¯ नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° आदि शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया जाना चाहिà¤
वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• रूप से शंख का कà¥à¤¯à¤¾ महतà¥à¤µ है?
विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शंख की धà¥à¤µà¤¨à¤¿ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ होती है
वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शंख-धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से वातावरण का परिषà¥à¤•à¤¾à¤° होता है.
इसकी धà¥à¤µà¤¨à¤¿ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°-कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° तक सà¤à¥€ कीटाणà¥à¤“ं का नाश हो जाता है.
शंख में थोडा सा चूने का पानी à¤à¤°à¤•à¤° पीने से कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अचà¥à¤›à¥€ हो जाती है
शंख बजाने से हà¥à¤°à¤¦à¤¯ रोग और फेफड़ों की बीमारियाठहोने की समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ कम हो जाती है
इससे वाणी दोष à¤à¥€ समापà¥à¤¤ होता है
शंख कितने पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का होता है और इनकी अलग अलग महिमा कà¥à¤¯à¤¾ है ?
शंख कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के होते हैं और सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की विशेषता à¤à¤µà¤‚ पूजन-पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ है
शंख की आकृति के आधार पर सामनà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ इसके तीन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° माने जाते हैं
ये तीन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के होते हैं - दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ शंख, मधà¥à¤¯à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ शंख तथा वामावृतà¥à¤¤à¤¿ शंख
à¤à¤—वानॠविषà¥à¤£à¥ का शंख दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ है और लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी का वामावरà¥à¤¤à¥€
वामावरà¥à¤¤à¥€ शंख अगर घर में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो तो धन का बिलकà¥à¤² अà¤à¤¾à¤µ नहीं होता
इसके अलावा महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ शंख , मोती शंख और गणेश शंख à¤à¥€ पाया जाता है
सामानà¥à¤¯ रूप से कैसे करें शंख का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—?
सफ़ेद रंग का शंख ले आयें
इसको गंगाजल और दूध से धोकर शà¥à¤¦à¥à¤§ कर लें
इसके बाद गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤° में लपेट कर पूजा के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर रखें
पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ और सायं काल पूजा के बाद तीन तीन बार इसको बजाà¤à¤‚
बजाने के बाद इसको धोकर पà¥à¤¨à¤ƒ वहीठरकà¥à¤–ें
शंख के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में कà¥à¤¯à¤¾ सावधानियां रखें?
शंख को किसी वसà¥à¤¤à¥à¤° में या किसी आसन पर ही रकà¥à¤–ें
पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤² और संधà¥à¤¯à¤¾ काल में ही शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ करें , हर समय शंख न बजाà¤à¤‚
शंख को बजने के बाद धोकर ही रखें, अपना शंख किसी और को न दें और न ही दूसरे का शंख पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें