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गुरिल्ला युद्ध में दक्ष बस्तरिया बटालियन नक्सलियों से जंग के लिए तैयार

 à¤²à¤‚बे इंतजार के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की बस्तरिया बटालियन छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के लिए तैयार हो चुकी है। इस बटालियन की संख्या नाम 241 तथा उप नाम बस्तरिया बटालियन रखा है। बस्तर की भौगोलिक परिस्थितियों से वाकिफ बटालियन के जवान लगभग एक वर्ष के कठोर प्रशिक्षण व स्थानीय भौगोलिक स्थिति के अनुभव के साथ नक्सलियों से लोहा लेने तैयार हैं।

21 मई को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की उपस्थिति में अंबिकापुर से लगे केपी गांव स्थित सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में पासिंग आउट परेड के तुरंत बाद जवानों को नक्सली गढ़ बस्तर डिविजन में नक्सल विरोधी अभियान के लिए तैनात किया जाएगा। पासिंग आउट परेड में शामिल होने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह रविवार 20 मई को अंबिकापुर पहुंचेंगे।

मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने नागा बटालियन की तर्ज पर बस्तरिया बटालियन बनाने का सुझाव दिया था। जिससे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वीकार करते हुए नक्सल प्रभावित बस्तर जिले के लिए सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन को मंजूरी प्रदान करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। बस्तर संभाग के युवाओं के सीआरपीएफ में आने से आदिवासियों के बीच बेहतर संदेश जाएगा और नक्सलवाद की लड़ाई में सहयोग मिलेगा। सीआरपीएफ के आलाधिकारियों ने बताया कि बस्तरिया बटालियन नामकरण के पीछे मूल कारण इसमें जवानों का चयन नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर व सुकमा जिलों से किया गया है।

बटालियन की दूसरी विशेषता इसमें महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है, जो महिलाओं के लिए सरकार की 33 प्रतिशत आरक्षण नीति के अनुरूप है। यद्यपि इस नए बटालियन की नफरी 743 है। फिर भी पहले चरण में अक्टूबर 2016 के मध्य से जनवरी के अंत तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा बस्तर क्षेत्र में भर्ती अभियान चलाकर 739 अभ्यर्थियों का चयन किया था। जिनमें से 189 महिला समेत कुल 534 रिक्रूटों को एटीसी बिलासपुर ओर एटीसी अंबिकापुर में 44 सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में गुरिल्ला युद्घ, छद्म एवं स्वलापहार रहकर लड़ना व जंगल युद्घ की सभी तकनीक शामिल है।

पासिंग आउट परेड के बाद ये जवान छग के नक्सली क्षेत्रों में सीआरपीएफ के सामान्य ड्यूटी बटालियन व कोबरा बटालियन के साथ नक्सलियों से लड़ने तैनात किए जाएंगे। सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल की शुरुआत में बस्तरिया बटालियन अस्तित्व में आई, जिसको बस्तर क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के लड़ाकों के साथ स्थानीय प्रतिनिधित्व को बढ़ाने बनाया गया है। उम्मीदवारों को उचित मौका देते हुए इनकी ऊंचाई व वजन के शारीरिक मानकों में छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त स्थानीय युवाओं को इस भर्ती प्रक्रिया का पूर्ण लाभ उठाने पहले सीआरपीएफ द्वारा सिविक एक्शन प्रोग्राम से शैक्षणिक व शारीरिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

लगभग एक वर्ष के कठोर प्रशिक्षण व स्थानीय भौगोलिक स्थिति के अनुभव के साथ ये लड़ाकू जवान प्रशिक्षण मैदान से बस्तर के युद्घ मैदान में लड़ने तैयार हैं। 21 मई की प्रातः अंबिकापुर से लगे ग्राम केपी स्थित सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर में बस्तरिया बटालियन की पहला पासिंग आउट परेड होगी। समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि तथा सीआरपीएफ व पुलिस के आलाधिकारी शामिल होंगे। कार्यक्रम की मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।

आज आएंगे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का मिनट टू मिनट कार्यक्रम जारी किया गया है। श्री सिंह 20 मई की दोपहर 2 बजे सतना हवाई पट्टी से बीएसएफ के हेलीकाप्टर से अपरान्ह 3.30 बजे दरिमा हवाई पट्टी पहुंचेंगे व अपरान्ह 3.45 बजे सर्किट हाऊस पहुंचेंगे। श्री सिंह सायं 7 बजे से 9 बजे तक सीआरपीएफ की 62वीं बटालियन के मुख्यालय परिसर पहुंचकर अधिकारियों और जवानों से मुलाकात करेंगे तथा 9.05 बजे सर्किट हाऊस आएंगे। केन्द्रीय गृहमंत्री 21 मई को प्रातः 9.05 बजे सरगुजा जिला अंतर्गत आने वाले लुंड्रा जनपद के केपी ग्राम में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के टे्रनिंग सेंटर में पासिंग आऊट परेड की सलामी लेंगे। इसके बाद श्री सिंह प्रातः 10.20 बजे 62वीं बटालियन से प्रस्थान कर प्रातः 10.30 बजे दरिमा हवाई पट्टी पहुंचेंगे और प्रातः 10.40 बजे दरिमा हवाई पट्टी से रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।

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