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सही समय में ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर से रहें स्वस्थ, जानें कैसे

 à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ कहावत है कि नाश्ता शहंशाह की तरह, दोपहर का भोजन राजकुमार की तरह और रात का भोजन कंगाल की तरह करो। विज्ञान ने भी इस बात को साबित कर दिया है। बहुत से वैज्ञानिकों का मानना है कि दिन की शुरुआत में अधिक कैलरी का सेवन करना और खाने के समय को थोड़ा पहले करने से स्वास्थ्य संबंधी फायदे हो सकते हैं।

एक शोध से पता चला है कि वजन घटाने की कोशिश करने वाले लोग यदि दोपहर का भोजन जल्दी करें, तो उनका वजन तेजी से घटेगा। एक अन्य शोध में कहा गया है कि नाश्ता देरी से करने से बॉडी मॉस इंडेक्स (बीएमआई) बढ़ जाता है। वैज्ञानिक इन नतीजों की वजह पता लगाने और खाने के समय और बॉडी क्लॉक के बीच संबंध का पता लगाने की कोशिशें कर रहे हैं।

हमारे शरीर की एक अपनी बायोलॉजिकल क्लॉक (जैविक घड़ी) होती है, जो निर्धारित करती है कि शरीर की सभी मेटाबॉलिक क्रियाएं कब-कब होनी चाहिए। इससे पता चलता है कि रात में भारी खाना पाचन की दृष्टि से सही नहीं है। क्योंकि इस समय शरीर अपने आप को सोने के लिए तैयार कर रहा होता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ सरे में क्रोनोबायोलॉजी और इंटीग्रेटिव फीजियोलॉजी रीडर डॉ. जोनाथन जॉन्सटन कहते हैं कि शोध से पता चलता है कि हमारा शरीर रात के समय उतना बेहतर पाचन नहीं कर पाता। मगर, अभी हम ये नहीं समझ पाए हैं कि ऐसा क्यों है।

हालांकि, शुरुआती सबूत ये दर्शाते हैं कि भोजन के पाचन में जो ऊर्जा खर्च होती है, वह सुबह की तुलना में शाम को कम होती है। डॉ. जॉन्सटन कहते हैं कि मोटापे को नियंत्रण में लाने के लिए आप जो खाते हैं उसे बदलने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है। मगर, यदि आप सिर्फ खाने का समय बदल देते हैं, तो इससे भी स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।

10 लोगों पर किए गए एक शोध के बाद डॉ. जांस्टन ने पता लगाया कि खाने के समय को पांच घंटे आगे बढ़ा देने का असर लोगों की बॉडी क्लॉक पर भी पड़ा। शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के खाने-पीने के समय में बदलाव का असर उसकी सेहत पर पड़ता है।

हालांकि, ये शोध बहुत छोटा था, लेकिन इससे ये पता चला कि तय समय पर खाने से बॉडी क्लॉक में गड़बड़ी का सामना कर रहे लोगों को मदद मिल सकती है। बॉडी क्लॉक के गड़बड़ होने के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होते हैं।

 

 

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