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IAS, डॉक्टर, इंजीनियर ही नहीं बड़े उद्यमी भी बन सकते हैं विद्यार्थी : सीएम

भोपाल। à¤•à¤°à¤¿à¤¯à¤° का चुनाव करते समय अपने लिए लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए। इसी से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। ज़्यादातर बच्चे केवल IAS, डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं, जबकि कई युवाओं ने छोटी सी शुरूआत करके भी लाखों, करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी, वे आज बड़े उद्यमी बन गए हैं। ये बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आयोजित करियर काउंसलिंग कार्यक्रम ''हम छू लेंगे आसमां'' कार्यक्रम के दौरान उपस्थित बच्चों से कही।

गौरतलब है कि सरकार ने 10वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए ''हम छू लेंगे आसमां" योजना शुरू की जिसमें विद्यार्थी काउंसिलिंग एक्सपर्ट से अपने करियर और अकेडमिक संबंधी सलाह ले सकते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि करियर को लेकर बच्चे कई विधाओं में से एक का चयन कर सकते हैं, लेकिन पहले बच्चों को अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए कि वे क्या हासिल करना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि राज्य शासन मेधावी विद्यार्थी योजना में 12वीं में 70 प्रतिशत अंक लाने वाले जरूरतमंद विद्यार्थियों की फीस भरेगी। इस साल 1 लाख 12 हजार 625 बच्चे 70 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुए हैं जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।

इसके अलावा सीएम ने ये भी बताया कि सरकार ने ये भी फैसला किया है कि जेईई स्टूडेंट्स को भी मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ मिलेगा। जेईई परीक्षा में 1.5 लाख रैंक तक के छात्रों की फीस भी प्रदेश सरकार भरेगी।

सीएम ने ये भी कहा कि ज्यादातर बच्चे IAS, डॉक्टर, इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं। जबकि बच्चे बड़े उद्यमी भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई युवाओं ने छोटी सी शुरुआत कर लाखों, करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी। उन्होंने ये भी कहा कि जिसे कविता लिखने में मजा आए, जिसे संगीत तैयार करने में आनंद आए उसे आप एग्रीकल्चर पढ़ाएं तो क्या सफल नहीं हो पाएगा। इसलिए करियर चुनते समय बच्चे अपनी रुचि का ध्यान रखें।

कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों से बच्चों ने सीएम से फोन के जरिए सीधे संवाद भी किया और बच्चों के सवालों के जवाब भी दिए।

 

 
 
 
 
 

 

 

 

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