Homeदेश विदेश ,
देश का पहला स्मार्ट व ग्रीन एक्सप्रेस-वे : सोलर पावर के साथ वाटर हार्वेस्टिंग भी

11,000 करोड़ करोड़ रुपए निर्माण लागत- 9375 मजदूरों ने काम किया- 500 दिन में पूरा हुआ

नई दिल्ली। à¤‰à¤ªà¥à¤° के बागपत में उम्मीदों का ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) उद्घाटन के लिए तैयार है। दिल्ली पर वाहनों का बोझ कम करने के लिए बनाया गया यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह एक्सिस कंट्रोल रहेगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जाने के लिए अब लोगों को दिल्ली में एंट्री करने की जरूरत नहीं रहेगी। वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ मिलकर यह दिल्ली के चारों तरफ रिंग रोड बन जाएगा।

एक्सप्रेस-वे पर कई सुविधाएं - 

- ओवरस्पीड वाहन चलाने पर ऑटो चालान कटेगा। वाहन चालक जैसे ही एक्सप्रेस-वे से बाहर होगा, चालान का शुल्क अदा करना होगा।

- 135 किमी में आठ हाइवे नेस्ट हैं, जिनमें जलपान और खानपान की सुविधाएं हैं।

- 4 मेगावाट क्षमता के 8 सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं। 

- हर 500 मीटर पर वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था है। ऐसी सुविधा वाला देश का पहला एक्सप्रेस-वे है। यह रिकॉर्ड 500 दिन में पूरा हुआ है। 

- दिल्ली-मेरठ के बीच का सफर 4-5 घंटे की बजाय अब 45 मिनट में पूरा होगा। 

- ओवरलोड वाहन नहीं चल सकेंगे। ऐसे वाहनों को एग्जिट गेट से बाहर कर दिया जाएगा।

- आठ सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं। एक्सप्रेस-वे की बगल में पेट्रोल पंप, मोटल्स, रेस्ट एरिया, वॉश रूम, रेस्तरां, दुकानें और रिपेयर सर्विस रहेगी।

- ग्रीन एक्सप्रेस-वे पर करीब ढाई लाख पेड़ लगना है। इनमें करीब पौने दो लाख बड़े और 75 हजार मध्यम आकार के पेड़ होंगे।

- एक्सप्रेस-वे पर वीएमएस, सीसीटीवी, वीआईडीएस, वार्विंग डिवाइस, ओवर स्पीड चेकिंग सिस्टम, वेट इन मोशन के अलावा फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क की सुविधा होगी। कंट्रोल रूम में सूचना उपलब्ध होंगी।

अपनी तरह का पहला टोल प्लाजा - 

एक्सप्रेस-वे पर सोनीपत के सेवली गांव में 170 फीट ऊंचा टोल प्लाजा बनाया गया है। इसमें डिजीटल आर्ट गैलरी है, जो एक्सप्रेस-वे की तस्वीरें और जरूरी सूचनाएं दिखाएंगी। देश में यह अपनी तरह का पहला टोल प्लाजा है।

32 स्मारकों की प्रतिकृति, 40 फव्वारे - 

एक्सप्रेस-वे पर देश के 32 स्मारकों की प्रतिकृति बनाई गई हैं। ये हैं- अशोक स्तंभ, कोणार्क मंदिर, जलियांवाला बाग, अशोक चक्र, गेटवे ऑफ इडिया, कुतुबमीनार, चार मीनार, लाल किला, कीर्ति स्तंभ, इंडिया गेट, हवा महल और गुजरात कार्विंग। 40 स्थानों पर फव्वारे लगाए गए हैं।

खास तथ्य

लंबाई - 135 किमी

बड़े पुल - 04

छोटे पुल - 46

रेल ब्रिज - 08

इंटरचेंज - 07

फ्लाईओवर - 03

पैदल अंडरपास - 151

वाहन अंडरपास - 70

भूमिगत पुलिया - 114

मुख्य टोल प्लाजा - 02

निर्माण - 

- 11 लाख टन सीमेंट

- 11 लाख टन लोहा

- 1.2 करोड़ फ्लाई-ऐश

- 9375 लोगों को मिला रोजगार

- 50 हजार वाहन दिल्ली में घुसे बगैर अन्य राज्यों में जाएंगे

- दोनों तरफ 2.5 मीटर का साइकिल ट्रैक बनाया गया है

- 1.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ है दोनों ओर

Share This News :