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पवैया ने सिंधिया पर कसा तंज

भोपाल : मध्य प्रदेश के मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सिंधिया के शिवराज सिंह चौहान को दिए गए चैलेंज पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सिंधिया खुद को दो साल से मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री ताे छोड़िए, वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी नहीं बन सके। वह सीएम चौहान को क्या खाकर चैलेंज कर रहे हैं। जयभान सिंह पवैया गुरुवार को भोपाल में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

 

- उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा, "दो साल उबटन लगवाकर दूल्हा बनके बैठे हुए हैं। उनके डायलॉग मीडिया की सुर्खियां तो बन सकते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं दिख रहा है।"


- असल में, बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर फिटनेस चैलेंस चल रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश में ये फिटनेस चैलेंज ना होकर राजनैतिक चैलेंज ज्यादा हो गया है। कांग्रेस सांसद और कांग्रेस चुनाव कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज को बैलगाड़ी से मंत्रालय और सचिवालय तक जाने का चैलेंज दिया था। साथ ही उन्होंने किसी भी मंच पर बहस करने की चुनौती दी थी।

सीएम को लगातार चुनौतियां

-इसके पहले भी सिंधिया मुख्यमंत्री को सात दिनों में सात चुनौतियां दे चुके हैं, जिसमें सड़क, बिजली, पानी, किसान और युवा जैसे मुद्दे शामिल थे। सिंधिया द्वारा लगातार दिए जा रहे इन चुनौतियों पर मुख्यमंत्री शिवराज ने तो कोई जवाब नहीं दिया था, लेकिन शिवराज कैबिनेट के मंत्री और प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सिंधिया की चुनौतियों का जवाब दिया है।

ये हैं सिंधिया के चैलेंज

पहली चुनौती
- आज कल भाजपा के नेता चुनौतियों को स्वीकारने में ख़ूब दिलचस्पी ले रहे है। मेरी तरफ़ से भी, हर दिन एक चुनौती - शिवराज जी कोने-कोने में किसान बहा रहे हैं आँसू,कर के दिखाइए ऋण माफ़ी लागू!

दूसरी चुनौती
- नया दिन, नयी चुनौती -शिवराज जी, पढ़ लिखकर कहां जाएं सरकार, दीजिए हमारे युवाओं को रोज़गार !

तीसरी चुनौती
- मातृशक्ति की सुनो गुहार, महिलाओं को सुरक्षा दो सरकार
शिवराज जी, आपकी ओर से इन विषयों पर ठोस क़दम उठाये जाने का इंतजार कर रहा हूं!


चौथी चुनौती
- मासूम जिंदगियों पर कुपोषण का वार, जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं दीजिये सरकार। मप्र को फ़िट बनाइए।


पांचवी चुनौती
- आम नागरिक पर पेट्रोल-डीज़ल की मँहगाई की मार, क्या मूल्यवृद्धि पर लगाम लगाएंगे श्रीमान ?


छठी चुनौती
- अस्पताल में निर्दोषों ने फिर गंवाई अपनी जान, चिकित्सालयों को चक चौबंद रखिये श्रीमान


सातवीं चुनौती
- शिक्षकों की कमीं से विद्यार्थी हो रहे परेशान, विद्यालयों में गुणवत्ता पर ध्यान दीजिये श्रीमान।

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