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कार से 18 देशों की यात्रा पर निकले दंपती

इंदौर। à¤…गर व्यक्ति मन में ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं। अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर दंपती डॉ.राजेश कड़ाक्या (63) और दर्शना कड़ाक्या ने बढ़ती उम्र में ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, जिसे करने में युवा भी कई बार सोचते हैं। इस दंपती ने संकल्प लिया और कैलिफोर्निया स्थित अपने घर से निकल पड़ा 18 देश की यात्रा पर।  इन्होंने अपनी यात्रा से जुड़े संस्मरण सुनाए। सबसे पहले वे इंदौर की साफ-सफाई व्यवस्था को देखकर दंग रह गए। उन्होंने कहा कि इंदौर वास्तव में नंबर 1 है। यहां के लोग स्वच्छता को लेकर जागरूक हैं। इस दौरान दंपती ने इंदौर के मशहूर पोहा और जलेबी का भी आनंद लिया।

इन्होंने बताया कि हम 35 साल से अमेरिका में रह रहे हैं। मैं इमरजेंसी ट्रामा का डॉक्टर हूं और पत्नी लंग्स स्पेशलिस्ट है। दोनों अभी तक चीन, रूस, फ्रांस,अमेरिका, कजाकिस्तान, मंगोलिया, नेपाल, भारत सहित अन्य देशों की यात्रा कर चुके हैं।

शांति और एकता का संदेश देना उद्देश्य

 

डॉक्टर दंपती का कहना है कि शांति और एकता का संदेश देना हमारी यात्रा का उद्देश्य है। डॉक्टर राजेश कहते हैं कि जब तक हम किसी से मिलते नहीं है, तब तक ही वह हमारा दुश्मन होता है और जब हम उससे मिल लेते हैं तो वह ही हमारा दोस्त बन जाता है। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान कुछ देशों में हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। कुछ देशों में ट्रैफिक के नियम अलग हैं तो कहीं राइट हैंड ड्राइविंग होती है तो कहीं लेफ्ट हैंड। हालांकि इन परेशानियों के बावजूद मेरी पत्नी मेरा साथ बखूबी निभाती रहीं।

सबसे बड़ी समस्या गाड़ी की थी

 

डॉक्टर कड़ाक्या ने अपनी यात्रा की शुरुआत की चर्चा करते हुए बताया कि हमें इतने बड़े सफर के लिए एक ऐसी गाड़ी की आवश्यकता थी, जो हर तरह के रास्तों पर आसानी से चल सके। ऐसे में हमने लैंड क्रूजर,एचडीएच,राइट हैंड ड्राइवर गाड़ी को चुना। जो 4 फीट पानी में भी चल सकती है। इसमें अत्याधुनिक संसाधन भी लगवाए। इसके अलावा हमने गाड़ी में ठंडे और गर्म पानी की व्यवस्था, गाड़ी के एक्स्ट्रा टायर आदि पर करीब 60 लाख रुपए का खर्च अलग से किया।

हैदराबाद में खत्म होगा सफर

 

डॉक्टर राजेश का कहना था कि हम कुछ ऐसा करना चाहते थे, जिसे लोग असंभव समझते हैं। यह सोचते हुए हमने यह टूर प्लान किया। हमें पता ही नहीं चला कि 57 दिन का सफर 34000 किलामीटर की ड्राइव कर कब पूरा हो गया। यह दंपती गुरुवार को हो शहर से विदा हो गया। इनका अगला पड़ाव मुंबई है। इसके बाद अपने पैतृक शहर हैदराबाद में इनका सफर समाप्त होगा।

युवाओं को दिया संदेश

 

युवाओं को संदेश देते हुए दंपती ने कहा कि युवाओं को समझना होगा कि जिस तरह हमने हर चुनौती का सामना करते हुए अपना सपना सच किया, ऐसे में युवाओं को हमारा संदेश है कि यदि आप ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है। जरूरत है तो संकल्प और पूरे मनोयोग से कार्य में जुटने की।

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