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दूसरी पत्नी और बेटी के बीच विवाद से हार गए थे भय्यू महाराज

 à¤¸à¤‚यम और मुक्ति की सीख देने वाले भय्यूजी महाराज, दूसरी पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी कुहू के बीच चल रहे विवाद से टूट गए थे। भय्यूजी महाराज 2 सालों से दोनों के बीच सुलह कराने के प्रयास करते रहे, लेकिन स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती चली गई। कई ऐसे मौके आए जब पत्नी और बेटी आमने-सामने आईं और उनमें जमकर विवाद हुआ। मंगलवार को बेटी पुणे से इंदौर आने वाली थी, तब भी घर में मौजूद परिजनों और कर्मचारियों को विवाद का भय सता रहा था। भय्यूजी महाराज को भी शायद इस बात का अंदेशा था। हजारों लोगों को उनकी समस्याओं का चुटकियों में हल बताने वाले भय्यूजी महाराज जब अपनी समस्या का हल नहीं तलाश पाए तो उन्होंने खुद को मिटा लिया।जानकारी के मुताबिक दूसरी पत्नी को घर लाते ही बेटी ने पूजा का सामान फेंक दिया। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद भय्यूजी महाराज ने डॉ. आयुषी से शादी करने के निर्णय के बारे में बेटी कुहू को नहीं बताया था। वह शादी से सहमत नहीं थी। गुस्से के कारण कुहू शादी में भी शामिल नहीं हुई। डॉ. आयुषी जब पहली बार घर आईं तो कुहू ने इसका विरोध किया। दोनों में कहासुनी भी हुई। कुहू ने गुस्से में भय्यूजी महाराज के पूजन स्थल से दीपक और सामान फेंक दिया। डॉ. आयुषी को इससे बहुत तकलीफ हुई। उन्होंने भय्यूजी महाराज से कहा- 'तुमने कुहू की इस हरकत का विरोध क्यों नहीं किया।' भय्यूजी महाराज ने कहा कि बेटी नादान है। उसकी मां इस दुनिया में नहीं है। समय के साथ-साथ सब सामान्य हो जाएगा। डॉ. आयुषी को बुरा लगा। वह कुहू की हरकत से ज्यादा इस बात से दुखी हुई कि उनके पति ने उनका साथ नहीं दिया।डॉ. आयुषी ने शादी के कुछ समय बाद मकान का रंगरोगन करवाया। पुताई के दौरान उन्होंने कुहू की मां व भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी माधवी की सारी तस्वीरें हटवा दीं। जब कुहू पूणे से घर आई और मां की तस्वीरें गायब देखी तो हंगामा कर दिया। डॉ. आयुषी और कुहू के बीच जमकर कहासुनी हुई। उस वक्त भी भय्यूजी महाराज बेटी के पक्ष में खड़े रहे। उन्होंने डॉ. आयुषी को समझाने की कोशिश की और कहा वह बेटी को कैसे डांट सकते हैं। इन दोनों घटनाओं से डॉ. आयुषी और गुस्सैल हो गई। अब वह भय्यूजी महाराज और उनके करीबी कर्मचारियों से भी सीधे लड़ने लगी थी। भय्यूजी महाराज बेटी और पत्नी के बीच फंस चुके थे। घर का हर कर्मचारी इस बात से भयभीत रहता था कि घर में किसी भी वक्त बवाल मच सकता है।डॉ. आयुषी ने भय्यूजी महाराज के सामने अपने माता-पिता को साथ रखने का प्रस्ताव रख दिया। दबाव में भय्यूजी महाराज ने अपने घर के सामने ही बड़ा बंगला किराए पर लिया और डॉ. आयुषी के माता-पिता को ठहराया। जैसे ही कुहू को इस बारे में पता चला, उसने पिता से नाराजगी जताई। भय्यूजी महाराज ने बेटी को समझाने का प्रयास किया और कहा कि वह कुछ समय में सब कुछ ठीक कर देंगे। उन्होंने स्कीम-74 में 60 लाख रुपये का प्लॉट खरीद लिया है। वहां बड़ा बंगला बनाकर कुहू के साथ रहेंगे। कुहू ने उनकी बातों पर विश्वास करने से इन्कार कर दिया। भय्यूजी महाराज को हर वक्त यही लगता था कि पत्नी और बेटी में किसी भी वक्त हाथापाई हो सकती है। आश्रम के कर्मचारी और नौकर-नौकरानी भी गृह कलह से सहमे-सहमे रहते थे।

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