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भारतीयों को ग्रीन कार्ड के लिए करना पड़ेगा 151 साल इंतजा

वाशिंगटन। अमेरिका में स्थायी रूप से बसने की चाहत रखने वाले उच्च डिग्रीधारी भारतीयों को एक थिंक टैंक के आकलन से झटका लग सकता है।

इसका कहना है कि ऐसे भारतीयों को ग्रीन कार्ड पाने के लिए एक-दो वर्ष नहीं बल्कि 150 से ज्यादा साल तक इंतजार करना पड़ सकता है।

वाशिंगटन के थिंक टैंक 'केटो इंस्टीट्यूट' ने ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार की इस अवधि का यह अनुमान अपनी गणना के आधार पर लगाया है।

उसका यह अनुमान यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) की ओर से हाल ही में जारी की गई आवेदकों की संख्या पर आधारित है।

अमेरिकी थिंक टैंक ने साल 2017 में जारी किए गए ग्रीन कार्ड की संख्या को ध्यान में रखकर यह गणना की है। इस साल 20 अप्रैल तक 6,32,219 भारतीय प्रवासी और उनके जीवनसाथी और बच्चे ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं।

केटो इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कहती है कि उच्च कुशल वर्ग में ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा अवधि अलग-अलग है। सबसे कम प्रतीक्षा अवधि ईबी-1 श्रेणी में है।

 

इस श्रेणी में महज छह साल इंतजार करना पड़ेगा, जबकि सबसे ज्यादा इंतजार ईबी-2 श्रेणी में है। यूएससीआइएस के मुताबिक, ईबी-1 श्रेणी में 34,824 भारतीयों ने आवेदन किया है।

केटो इंस्टीट्यूट ने बताया कि ईबी-3 श्रेणी वालों को 17 साल इंतजार करना पड़ेगा। यह श्रेणी उन लोगों के लिए है जिनके पास बैचलर डिग्री है। इस श्रेणी में कुल 1,15,273 भारतीयों को ग्रीन कार्ड का इंतजार है।

 

हालांकि सबसे बड़ा बैकलॉग उच्च डिग्रीधारी पेशेवरों की श्रेणी ईबी-2 में है। केटो इंस्टीट्यूट ने कहा कि इस श्रेणी में ग्रीन कार्ड पाने के लिए 151 साल तक इंतजार करना होगा, बशर्ते कि कानून में कोई बदलाव नहीं हो। इस श्रेणी में कुल 4,33,368 भारतीयों ने आवेदन कर रखा है।

ग्रीन कार्ड का कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव

 

अमेरिका में इस साल जनवरी में सालाना ग्रीन कार्ड आवंटन की सीमा 45 फीसद बढ़ाकर 1.75 लाख करने का प्रस्ताव लाया गया।

फिलहाल हर साल 1.20 लाख ग्रीन कार्ड आवंटित किए जाते हैं। ग्रीन कार्ड पाने वाले को अमेरिका में स्थायी रूप से बसने और काम करने का अधिकार मिल जाता है।

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