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ग्वालियर में 35 करोड़ की लागत से स्थापित होगा जूलॉजिकल म्यूजियम

ग्वालियर । ग्वालियर के ऐतिहासिक विक्टोरिया भवन में जूलॉजिकल म्यूजियम बनाया जायेगा। इसके लिए भारत सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की गई है। यह म्यूजियम 35 करोड़ रूपए की लागत से तैयार होगा। विभाग द्वारा तैयार की गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट की कॉपी विभाग के अधिकारियों और नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा ने शनिवार को केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उनके निवास स्थान पर भेंट की।
ग्वालियर की ऐतिहासिक इमारत विक्टोरिया मार्केट में हुई अग्नि दुर्घटना से इमारत क्षतिग्रस्त हे गई थी। नगर निगम द्वारा इस भवन को पुन: बनाया गया। इस पुन:निर्माण के बाद इस खूबसूरत इमारत में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रयास से भारत सरकार द्वारा जूलॉजिकल म्यूजियम स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति के परिपालन में ही भारत सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा 35 करोड़ रूपए की डीपीआर तैयार कर ली गई है। इस डीपीआर की स्वीकृति के पश्चात ग्वालियर में म्यूजियम बनने का कार्य प्रारंभ हो जायेगा। नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा ने बताया कि ग्वालियर में जूलॉजिकल म्यूजियम बन जाने से एक बड़ी उपलब्धी प्राप्त होगी। वर्तमान में देश में 6 जूलॉजिकल म्यूजियम स्थापित हैं। ग्वालियर में स्थापित होने वाला यह देश का 7वाँ और आधुनिक जूलॉजिकल म्यूजियम होगा। इस म्यूजियम की स्थापना के पश्चात प्रतिदिन स्क्रीन के माध्यम से आमजनों के लिये जूलॉजिकल म्यूजियम के बारे में और भू-विज्ञान की विशेष जानकारी प्रदर्शित की जायेगी।
संस्कृति विभाग द्वारा तैयार की गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि भू-विज्ञान संग्रहालय में पाँच गैलरियाँ प्रस्तावित हैं। जिनमें भू-गर्भ एवं पृथ्वी की सृष्टि के वैज्ञानिक दृष्टिकोंण की जानकारी, ज्वालामुखी, भूकम्प, सौर मण्डल के साथ ही विभिन्न ग्रहों की जानकारी प्रदर्शित की जायेगी। इसके साथ ही पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति भू-गर्भीय वैज्ञानिक समय, पृथ्वी की आयु, जीवन उत्पत्ति एवं प्राणियों के विकास की जानकारी भी प्रदर्शित की जायेगी। इसके साथ ही गैलरी में चट्टानों एवं खनिजों का वर्गीकरण, चित्रण तथा खदानों के उत्खनन की जानकारी भी प्रदर्शित होगी। इस गैलरी में भौगोलिक रूप से पाए जाने वाले खनिजों, चट्टानों की जानकारी भी आम लोगों को देखने को मिलेगी। राष्ट्र निर्माण एवं विकास में भू-विज्ञान तथा भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की भूमिका मानचित्र अभियांत्रिकीय, भू-विज्ञान में बड़े-बड़े बांध, सिंचाई, बिजली उत्पादन आदि क्रियाकलापों का प्रदर्शन भी होगा।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि डीपीआर तत्काल प्रस्तुत की जाए, ताकि ग्वालियर में जूलॉजिकल म्यूजियम स्थापित करने की कार्रवाई तत्परता से प्रारंभ की जा सके।

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