मेरी देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से कà¥à¤› लोगों को परेशानी होती है: अनà¥à¤ªà¤® खेर
बीजेपी सांसद किरण खेर के अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ पति अनà¥à¤ªà¤® खेर ने कहा कि वह जब देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की बात करते हैं तो कà¥à¤› लोगों को परेशानी होने लगती है। राजधानी के विधानसà¤à¤¾ परिसर में तीन दिनों से चल रहे लोक-मंथन के समापन समारोह में पहà¥à¤‚चे खेर ने कहा कि देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ हमें न सिखाओ। यह सही है कि कोई किसी को देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं सिखा सकता, यह तो à¤à¥€à¤¤à¤° से आती है। देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ हमारे खून में है। जब à¤à¥€ अवसर आता है, यह पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होती है। देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की बात से अगर किसी को पीड़ा होती है तो होने दीजिà¤, हम तो अपना काम करेंगे।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पिछले दो-तीन सालों में असहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ और देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के विषय जान-बूà¤à¤•à¤° उठाठगठहैं। जब असहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ की बहस शà¥à¤°à¥‚ की गई, तब मेरे à¤à¥€à¤¤à¤° का à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जागा और उसने कहा कि यह चà¥à¤ª रहने का समय नहीं है। इस कारण मैंने असहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ पर सवाल उठाने वालों का खà¥à¤²à¤•à¤° विरोध किया। खेर ने कहा कि वह कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडित हैं, इसलिठउनकी रगों में देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ है। अपने ही देश में निरà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ होने के बाद à¤à¥€ कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों ने कà¤à¥€ à¤à¥€ देश के खिलाफ कोई बात नहीं कही।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज चारों ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सहज नहीं हैं। देश में पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण का बोलबाला है। सà¥à¤µà¤šà¥à¤› पानी नहीं है। गति की शीघà¥à¤°à¤¤à¤¾ और सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ की सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ ने विचितà¥à¤° परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पैदा कर दी है। हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की चरà¥à¤šà¤¾ करता है। समाधान किसी के पास नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे कहा कि हिंसा की अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• वृदà¥à¤§à¤¿, यà¥à¤¦à¥à¤§ और आतंकवाद के रूप में दिखाई देती है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहीं à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ महसूस नहीं करता है। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ का यà¥à¤¦à¥à¤§ 18 दिन में समापà¥à¤¤ हो गया, लेकिन वियतनाम का 18 वरà¥à¤· चला। अपना शसà¥à¤¤à¥à¤° बाजार बनाठरखने के लिठतब à¤à¥€ हिंसा हà¥à¤ˆ, जो आज तक जारी है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के लिठपà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° ठहराया जाता है, लेकिन पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ रोकने की बात नहीं होती। लोक-मंथन आयोजन समिति के कारà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤•à¥à¤· डॉ. चंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ और आयोजन समिति के सचिव ज़े नंदकà¥à¤®à¤¾à¤° ने à¤à¥€ अपने विचार रखे।