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दिग्विजय सिंह ने भाजपा और RSS पर साधा निशाना

झाबुआ। à¤ªà¥‚र्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह रविवार को कुछ देर के लिए झाबुआ पहुंचे। यहां सर्किट हाउस पर मीडिया से चर्चा में उन्होंने शाजापुर में शनिवार को हुए उपद्रव को लेकर कहा, शाजापुर ऐसी जगह है, जहां हर साल महाराणा प्रताप जयंती पर मुसलमान कई जगह स्वागत करते हैं। शनिवार को भी तीन जगह स्वागत हुए, लेकिन एक जगह तनाव शुरू हो गया। भाजपा को जब लगता है कि वह चुनाव नहीं जीत पाएगी तो वो हिंदू-मुस्लिम दंगे कराती है। यह उसकी शुरुआत है। दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी किसी आतंकी घटना में हिन्द पकड़ा जाता है तो उसका कनेक्शन संघ से जरूर होता है।

भय्यू महाराज की आत्महत्या को लेकर दिग्गी ने कहा- मेरा उनसे अधिक परिचय नहीं था। वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे, लेकिन इतना तय है कि कोई भी आध्यात्मिक व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता। हालांकि उनका सुसाइड नोट मिला है।

यूएन रिपोर्ट में कश्मीर को लेकर मानवाधिकार उल्लंघन के सवाल पर कहा- यूएन की व्यवस्था जम्मू व कश्मीर में कारगर साबित नहीं हुई है। वहां लगातार पाकिस्तान से घुसपैठ और आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं। अभी मैंने यूएन की रिपोर्ट पढ़ी नहीं है।

 

आरएसएस से कनेक्शन

अमेरिकी एजेंसी सीआईए द्वारा बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद को उग्र दल और आरएसएस को राष्ट्रवादी संगठन बताए जाने के सवाल पर कहा- आरएसएस कोई संगठन नहीं है। इसका कहीं भी पंजीकरण नहीं है। मैं अपने उस बयान पर कायम हूं, जिसमें ये कहता हूं कि किसी भी आतंकी घटना में अगर हिंदू व्यक्ति पकड़े गए हैं तो वो कभी न कभी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। महात्मा गांधी के हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे भी आरएसएस का सदस्य रहा।

 

फिटनेस चैलेंज पर कहा-मोदीजी मेरे साथ नर्मदा परिक्रमा करके दिखाएं

 

 

मोदीजी के फिटनेस चैलेंज को लेकर कहा- देश में बेरोजगारी है, अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है, नोटबंदी विफल रही है, जीएसटी से व्यापारी परेशान हैं और उनको फिटनेस चैलेंज लगा हुआ है। मैं कहता हूं, आओ और नर्मदा परिक्रमा मेरे साथ करके दिखाओ। चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली में चेहरे तय नहीं होते। ये राष्ट्रपति शासन में होता है। चुने गए विधायकों और सांसदों का अधिकार है कि वो अपना नेता चुने। इसलिए चेहरे का सवाल नहीं होता।

50 हजार पौधे नहीं मिले

 

 

नर्मदा किनारों पर साढ़े 6 करोड़ पौधे लगाने के सरकारी दावे की हंसी उड़ाते हुए दिग्विजयसिंह ने कहा- मैंने नर्मदा परिक्रमा पैदल की है। रामेश्वर नीखरा भी साथ थे। मुख्यमंत्री की तरह हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर से नहीं की। पूरी परिक्रमा में कुल मिलाकर 50 हजार पौधे भी नहीं दिखे।

 

पूरा समय सांसद के निवास पर बिताया

 

 

इसके पूर्व दिग्विजयसिंह ने सांसद कांतिलाल भूरिया के घर पहुंचकर भोजन किया, इसके बाद सर्किट हाउस पहुंचे। जितना समय सांसद के घर बिताया, उससे लगभग आा समय कार्यकर्ताओं के बीच रहे। इस दौरान मीडिया से भी चर्चा कर ली। उन्हें दोपहर एक बजे पहुंचना था, लेकिन दो घंटे बाद आए। वे राजस्थान के कुशलगढ़ जाते समय रास्ते में यहां रुके थे। धार जिले की सीमा से उन्हें लेने पुलिस का फॉलो गार्ड रवाना हुआ, लेकिन फॉलो गार्ड के पहुंचने तक उनकी और साथ चल रही दो अन्य गाड़ियां कालीदेवी व माछलिया के बीच आ गईं। यहां से फिर फॉलो की गाड़ियां साथ चलीं।

 

 

 

 

 
 
 

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