कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पूरे रामचरितमानस में सà¥à¤‚दरकाणà¥à¤¡ को माना जाता है महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£
सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡ रामचरितमानस के सात काणà¥à¤¡à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• काणà¥à¤¡ है. इसमें हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सीता की खोज और राकà¥à¤·à¤¸à¥‹à¤‚ के संहार का वरà¥à¤£à¤¨ है. इसमें दोहे और चौपाइयां विशेष छंद में लिखी गई हैं. समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानस में शà¥à¤°à¥€ राम के शौरà¥à¤¯ और विजय की गाथा लिखी गई है.
हालांकि सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡ में उनके à¤à¤•à¥à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के बल और विजय का उलà¥à¤²à¥‡à¤– है. इसमें à¤à¤•à¥à¤¤ के विजय और सफलता की गाथा है, अतः यह मानस में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानी जाती है.
सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡ का पाठकिन-किन दशाओं में विशेष फलदायी होता है?
- अगर जीवन में बाधाà¤à¤‚ बढ़ती जा रही हों.
- अगर गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के कारण, विशेषकर शनि और मंगल के कारण, संघरà¥à¤· करते ही चले जा रहे हों.
- अगर शतà¥à¤°à¥ और विरोधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ पैदा करते जा रहे हों.
- अगर मà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‡, दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾, या शलà¥à¤¯ चिकितà¥à¤¸à¤¾ से परेशान हों.
सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡ का पाठकैसे करें?
- इसका पाठमंगलवार और शनिवार को करना विशेष शà¥à¤ होता है.
- बेहतर होगा इसका पाठसंधà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤² में करें.
- हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के समकà¥à¤· घी का दीपक जलाà¤à¤‚.
- उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लाल फूल और मिठाई का à¤à¥‹à¤— लगाà¤à¤‚.
- पहले शà¥à¤°à¥€ राम का सà¥à¤®à¤°à¤£ करें, फिर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करके सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡ का आरमà¥à¤ करें.
- पाठके अंत में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की आरती करें.
- पूजा की समापà¥à¤¤à¤¿ के बाद पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का वितरण करें.