à¤à¤®à¤ªà¥€ :यहांं है वीवीआईपी पेड़, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤•à¤°à¥à¤®à¥€ à¤à¥€ रहते हैं तैनात
à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤²à¥¤ वीआईपी लोगों की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के बारे में तो आपने सà¥à¤¨à¤¾ होगा, लेकिन à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के पास सलामतपà¥à¤° में पहाड़ी à¤à¤• वीवीआईपी पेड़ बेहद चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। इस पेड़ को वीवीआईपी का दरà¥à¤œà¤¾ मिलने का खास कारण है। आलम ये है कि इस पेड़ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ में पूरे समय सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ गारà¥à¤¡ तैनात रहते हैं और इसकी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पर 12 से 13 लाख रà¥à¤ªà¤ खरà¥à¤š होते हैं।
राजà¥à¤¯ शासन और जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ इस वीवीआईपी पेड़ की खास देखरेख सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करते हैं। पेड़ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठसà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤•à¤°à¥à¤®à¥€ तो तैनात रहते ही हैं लेकिन à¤à¤• मजबूत लोहे की जाली à¤à¥€ इसके ईरà¥à¤¦-गिरà¥à¤¦ लगाई गई है ताकि पेड़ को कोई नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ नहीं पहà¥à¤‚चा सके। इसके अलावा पेड़ को खाद और पानी की आपूरà¥à¤¤à¤¿ सही तरीके से हो इसके लिठà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की हà¥à¤ˆ है। यहां पूरे समय पानी का à¤à¤• टैंकर अलग से सिरà¥à¤« पेड़ के लिठखड़ा रहता है।
दरअसल सरकारी और निजी आयोजनों में पौधरोपण के कई कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® होते हैं लेकिन अधिकांश में पेड़ों का संरकà¥à¤·à¤£ नहीं हो पाता। नतीजा ये निकलता है कि पेड़ सूखकर दम तोड़ देते हैं। लेकिन यहां इस पेड़ को वीवीआईपी टà¥à¤°à¥€à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट मिलता है। ये पूरे समय हरा-à¤à¤°à¤¾ रहता है। आईठआपको बताते हैं कि इस पेड़ को वीवीआईपी का दरà¥à¤œà¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हासिल है।
दरअसल अपने दौरे पर शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का के पूरà¥à¤µ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ महिंदा राजपकà¥à¤·à¥‡ ने इसे रौंपा था। इस पीपल वृकà¥à¤· को बोधि वृकà¥à¤· माना गया जिसके नीचे बैठकर à¤à¤—वान गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ ने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया था। चूंकि महिंदा राजपकà¥à¤·à¥‡ ने इसे अपने हाथों से रोंपा था लिहाजा इस वृकà¥à¤· को वीवीआईपी का दरà¥à¤œà¤¾ गया है। बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ यहां इस वृकà¥à¤· के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठपहà¥à¤‚चते है लिहाजा ये वृकà¥à¤· शासन और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के लिठà¤à¥€ बहà¥à¤¤ खास है।
12 से 13 लाख का खरà¥à¤š
जानकारी के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• इस वीवीआईपी वृकà¥à¤· की देखरेख, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ में पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का करीब 12 से 13 लाख रà¥à¤ªà¤ सालाना खरà¥à¤š होते हैं। इसके अलावा सड़क मेनà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥‡à¤‚स, लोहा की जाली का बाड़ा सहित अनà¥à¤¯ खरà¥à¤š अलग से है। फिलहाल इस वीवीआईपी वृकà¥à¤· पर हो रहे खरà¥à¤š के बाद सवाल उठरहे हैं कि जितना खरà¥à¤š वीवीआईपी पेड़ पर हो रहा है उससे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में दूसरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर लाखों की संखà¥à¤¯à¤¾ में पौधरोपण किया जा सकता है।