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नाबालिग का अपहरण कर 70 हजार रुपए में बेचने वाले दंपती गिरफ्तार

इंदौर। à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾à¤ªà¥à¤°à¥€ थाना क्षेत्र से एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर दंपती अपने साथ ले गए। कुछ दिन तक उसे घर पर रखा और फिर दलाल के जरिये 70 हजार रुपए लेकर आष्टा में एक युवक को बेच दिया। फर्जी मार्कशीट से उसे बालिग बताकर शादी करवा दी। मौका पाकर नाबालिग भागकर पुलिस के पास पहुंची और घटना बताई। पुलिस ने मानव तस्करी में शामिल दंपती को को गिरफ्तार कर लिया। दलाल और नाबालिग से शादी करने वाला आरोपित फरार है।

पुलिस ने बुधवार दोपहर द्वारकापुरी निवासी 15 वर्षीय लड़की के पिता की शिकायत पर लक्ष्मी निवासी राऊ और करण निवासी चोइथराम मंडी को गिरफ्तार किया है। एएसआई संध्या उर्मलिया ने बताया कि 12 मई को नाबालिग अपने माता-पिता से नाराज होकर घर से भाग गई थी। पुलिस ने पिता की शिकायत पर अपहरण का केस दर्ज किया था। मंगलवार सुबह नाबालिग शुजालपुर पुलिस चौकी पहुंची और अपने माता-पिता की जानकारी दी।

स्थानीय पुलिस ने उसके परिजन से संपर्क किया और बच्ची को उनके हवाले कर दिया। देर रात नाबालिग के माता-पिता उसे लेकर थाने आए थे। बच्ची ने पूछताछ में बताया कि वह आठवीं की छात्रा है। माता-पिता ने उसे किसी बात पर डांट दिया था। इस वजह से वह नाराज होकर अन्नापूर्णा मंदिर चली गई थी। वहां उसे दोनों आरोपित मिले और बहला-फुसलाकर राऊ ले गए। उसे सात दिन तक अपने घर में रखा। इसके बाद सिहोर निवासी मानसिंह (दलाल) के जरिये आष्टा निवासी बिलतोश को बेच दिया था।

 

नाम भी बदल दिया

टीआई देवेंद्र कुमार के मुताबिक, लक्ष्मी और करण दोनों पति-पत्नी हैं। नाबालिग की शादी कराने के लिए दोनों भाई-बहन बन गए थे। पीड़िता का नाम बदलकर माधुरी रखा दिया था। बदले हुए नाम की मार्कशीट तैयार की और उसमें नाबालिग की उम्र बढ़ाकर 18 कर दी। दोनों आरोपितों ने अपना नाम बदलकर हेमा और अजय यादव रख लिया था। पूछताछ में दोनों ने बताया कि दलाल (मानसिंह) ने शादी कराने के लिए बिलतोश से 70 हजार रुपए लिए थे। उसने 40 हजार रुपए खुद रख लिए, बाकी 30 हजार उन्हें दे दिए थे। फरार आरोपितों की तलाश में पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वे नहीं मिले।

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