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सहकारी बैंक ने नोटबंदी में बदले 50.29 करोड़ के पुराने नोट

बिलासपुर। à¤›à¤¤à¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ के बिलासपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में नोटंबदी के दौरान 50.29 करोड़ रुपये के पुराने नोट महज पांच दिनों में बदले गए। आशंका है कि किसानों के नाम पर बड़े उद्योगपतियों व नेताओं की काली रकम को नए नोट में बदला गया। इस पर जांच एंजेसियों की निगाह लगने से बैंक प्रबंधन में खलबली मच गई है।

दो दिन पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता व कांग्रेस से निष्कासित विधायक अमित जोगी के प्रदर्शन करने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया। सूत्रों के अनुसार नोटबंदी के दौरान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत आने वाले बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा व कोरबा जिले में संचालित 51 शाखाओं में पुराने नोट की जमकर अदला-बदली की गई है।

10 से 14 नवंबर 2016 के बीच इतनी बड़ी रकम एक झटके में बदली गई है। गौर करने वाली बात यह है कि बीते दो वर्षों से जिले में अल्पवृृष्टि और खंडवृृष्टि के चलते अकाल जैसी स्थिति थी। किसान इस स्थिति में नहीं थे कि वह बड़ी रकम अपने खाते में जमा कर नए नोट लेने का प्रयास करते।

 

बैंक का संचालन किसानों के ही खाते से होता है। इस सवाल के उठने के बाद जांच एजेंसियों ने बैंक के लेन-देन की छानबीन करने के संकेत दिए हैं। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

इस बाबत बैंक के सीईओ अभिषेक तिवारी का कहना है कि आरबीआइ की गाइड लाइन और निर्देशों के बाद ही पुराने नोट की अदला-बदली की है। नाबार्ड ने जांच भी पूरी कर ली है। आरबीआइ का प्रमाण पत्र भी बैंक के पास है। किस खातेधारक किसान ने कितने पुराने नोट बदले इसकी जानकारी हम नहीं दे सकते । यह गोपनीय है।

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