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भारतीय सेना को जल्द मिलेगी अग्नि-5 मिसाइल; 5 हजार किलोमीटर रेंज, पाकिस्तान-चीन इसकी जद में

नई दिल्ली. भारतीय सेना को अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही 5 हजार किलोमीटर मारक क्षमता और 1500 किलोग्राम वारहेड ले जाने में सक्षम ये मिसाइल स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड (एसएफसी) को सौंपी जाएगी। इस तरह की आधुनिक मिसाइल चीन, रूस, अमेरिका, फ्रांस और उत्तर कोरिया जैसे कुछ चुनिंदा देशों में ही है।

अमेरिका को छोड़कर पूरा एशिया, अफ्रीका और करीब आधा यूरोप परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस मिसाइल के दायरे में है। इसके अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, ईरान, चीन, रूस, मलेशिया, इंडोनशिया और फिलीपींस भी इसकी रेंज में हैं।

अपनी श्रृंखला का सबसे आधुनिक हथियार अग्नि-5: अग्नि-5 कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, "मिसाइल का पिछले महीने ही ओडिशा के तट से सफल परीक्षण किया गया था। अगले कुछ हफ्तों में इसके कुछ और प्री-इंडक्शन टेस्ट भी होंगे। ये एक अहम सामरिक संपत्ति है। हम इस प्रोग्राम के आखिरी हिस्से में पहुंच चुके हैं। ये अपनी श्रृंखला का सबसे आधुनिक हथियार है। इसमें नेविगेशन की अत्याधुनिक तकनीक है और इसकी परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता श्रेष्ठतम है।"
अग्नि-5 का पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 में किया गया था। इसके बाद 15 सितंबर 2013 में दूसरा, 31 जनवरी 2015 में तीसरा, 26 दिसंबर 2017 में चौथा, पांचवां टेस्ट 18 जनवरी 2018 में किया गया था। सभी परीक्षण सफल रहे थे।

अग्नि मिसाइल रेंज
अग्नि-1 700 किलोमीटर
अग्नि-2 2000 किलोमीटर
अग्नि-3/4 2500-3500 किलोमीटर
अग्नि-5 5000 किलोमीटर
40 सुखोई विमानों से जुड़ेगी ब्रह्मोस:सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए अग्नि-5 के अलावा रक्षा विभाग कई और अहम कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। इनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को 40 सुखोई युद्धक विमानों से जोड़ना शामिल है। 22 नवंबर 2017 को सुखोई-30 से सफलता पूर्वक ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया था। इसके बाद हवा से मार करने वाली ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बन गई है। सुखोई से इसे जोड़ने के लिए विमानों को ढांचे में बदलाव किए जा रहे हैं।

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