नहीं रहे वरिषà¥à¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° कलà¥à¤ªà¥‡à¤¶ यागà¥à¤¨à¤¿à¤•, ऑफिस में दिल का दौरा पड़ने से निधन
दैनिक à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° के समूह संपादक कलà¥à¤ªà¥‡à¤¶ यागà¥à¤¨à¤¿à¤• नहीं रहे. गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° रात करीब साà¥à¥‡ 10 बजे इंदौर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दफà¥à¤¤à¤° में काम करने के दौरान ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिल का दौरा पड़ा. इसके बाद उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचाने की कोशिशें विफल रहीं.
दिल का दौरा पड़ते ही दफà¥à¤¤à¤° के करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तà¥à¤°à¤‚त बॉमà¥à¤¬à¥‡ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले गà¤. करीब साà¥à¥‡ तीन घंटे तक उनका इलाज à¤à¥€ चला, लेकिन डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ के तमाम पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के बाद à¤à¥€ उनकी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सà¥à¤§à¤¾à¤° नहीं हà¥à¤†.
डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ ने बताया है कि इलाज के दौरान ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिल का दूसरा दौरा पड़ा. रात करीब 2 बजे डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मृत घोषित कर दिया. उनकी अंतिम यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ 11 बजे इंदौर में साकेत नगर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ उनके निवास से तिलक नगर मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤§à¤¾à¤® जाà¤à¤—ी.
21 जून 1963 को जनà¥à¤®à¥‡ कलà¥à¤ªà¥‡à¤¶ 1998 से दैनिक à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° समूह से जà¥à¥œà¥‡ थे. इससे पहले कà¥à¤› समय तक वह फà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤¸ जरà¥à¤¨à¤² से à¤à¥€ जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ रहे. उनका इस तरह अचनाक जाना à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° समूह के लिठबड़ी कà¥à¤·à¤¤à¤¿ मानी जा रही है.
55 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ यागà¥à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤–र वकà¥à¤¤à¤¾ और विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° थे. वह पैनी लेखनी के लिठजाने जाते थे. देश और समाज में चल रहे संवेदनशील मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर बेबाक और निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· लिखते थे. दैनिक à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° के शनिवार के अंक में उनका कॉलम ‘असंà¤à¤µ के विरà¥à¤¦à¥à¤§’ देशà¤à¤° में चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ रहता था.