ये खबर आपके लिठहै, नहीं पढ़ी तो रहेंगे नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ में, फिर मत कहना कि बताया नहीं
कहने को तो यह छोटा सा फल है लेकिन है गà¥à¤£à¥‹à¤‚ की खान। बेहद रसीला और उससे à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€à¥¤ यूं ही नहीं इसे देवताओं के फल की उपाधि मिली है। कहते हैं कि à¤à¤—वान राम ने अपने वनवास में इसी का सेवन किया। हमारे पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में जिस अलौकिक जमà¥à¤¬à¥‚दà¥à¤µà¥€à¤ª का जिकà¥à¤° है वह जामà¥à¤¨ के पेड़ों की नगरी है। इसकी पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से लेकर गà¥à¤ लियां तक कई रोगों में दवा का काम करती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह शà¥à¤¦à¥à¤§ देशज पेड़ है जो आसानी से आपके आसपास की जमीन में पनप सकता है। तो देर न करें और अगली बरसात से पहले जमीन में जामà¥à¤¨ की कà¥à¤› गà¥à¤ लियां दबा दें। आओ रोपें अचà¥à¤›à¥‡ पौधे सीरीज के तहत आज जामà¥à¤¨ (वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• नाम: सिजीगियà¥à¤® कà¥à¤¯à¥‚मिनाइ) के बारे में।
जामà¥à¤¨ का पेड़ खूब लंबा-चौड़ा और घना होता है। यह सालà¤à¤° हरा-à¤à¤°à¤¾ रहता है और छांव देता है। फरवरी-मारà¥à¤š में इसमें फूल आते हैं और मई से जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ तक जामà¥à¤¨ फलते हैं। जामà¥à¤¨ से जैम और जैली, वाइन व अनà¥à¤¯ खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥ à¤à¥€ बनाठजाते हैं। लोग काले नीले और रसीले जामà¥à¤¨ के फल बेचते दिखाई देते हैं। जामà¥à¤¨ दवा के गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र मौसमी फल है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में जामà¥à¤¨ के कई गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ किया गया है। इसके पतà¥à¤¤à¥‡, फल, छिलका और गà¥à¤ लियां कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रोगों में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² की जाती हैं।सेहत के लिठवरदान
- डायबिटीज रोगियों के लिठजामà¥à¤¨ बहà¥à¤¤ गà¥à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ फल है। यह सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤š को ऊरà¥à¤œà¤¾ में बदलने में मदद करता है और रकà¥à¤¤ में शकà¥à¤•à¤° की मातà¥à¤°à¤¾ कम करता है। इसकी पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, तने की छाल और गà¥à¤ ली à¤à¥€ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• तौर पर मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के उपचार में काम आती हैं।
- इसमें पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में लौह पाया जाता है, जो रकà¥à¤¤ के लिठअचà¥à¤›à¤¾ है।
- यह पाचन तंतà¥à¤° के लिठअचà¥à¤›à¤¾ फल है। इसकी तासीर ठंडी होने के कारण यह तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर पड़ने वाले दानों, à¤à¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और दाग-धबà¥à¤¬à¥‹à¤‚ को कम करता है।
- इसमें मौजूद à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट और फà¥à¤²à¥‡à¤µà¥ˆà¤¨à¥‰à¤‡à¤¡ से रकà¥à¤¤ शà¥à¤¦à¥à¤§ होता है जिससे लिवर सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहता है।
- दसà¥à¤¤ और पेचिश में जामà¥à¤¨ के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को पीस कर नमक के साथ सेवन करने से बहà¥à¤¤ फायदा होता है।
- जामà¥à¤¨ और अमरूद के पतà¥à¤¤à¥‡ मिलाकर दातà¥à¤¨ करने से मà¥à¤‚ह की दà¥à¤°à¥à¤—ध नषà¥à¤Ÿ होती है और छाले à¤à¥€ ठीक होते हैं।
- जामà¥à¤¨ खून को साफ करती है और कई चरà¥à¤® रोगों को दूर करती है। बरसात में जामà¥à¤¨ के फल खाने चाहिà¤à¥¤