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'मिशन 2019' के लिए प्रशांत किशोर की ‘टीम मोदी’ में वापसी?

चुनावी रणनीतिकार के तौर पर बीते छह साल में प्रशांत किशोर के सफर ने कई मोड़ लिए. बीजेपी का 2012 गुजरात कैम्पेन हो या 2014 लोकसभा चुनाव, किशोर को नरेंद्र मोदी के रणनीतिकार के तौर पर देश ने जाना. फिर ऐसा वक्त भी आया कि किशोर ने बीजेपी के धुर विरोधियों से हाथ मिलाकर पहले उनके लिए बिहार और फिर यूपी में चुनावी बिसात बिछाई. यानी किशोर ने एक दशक से भी कम वक्त में भारतीय राजनीति के बड़े स्पेक्ट्रम को नाप लिया. 

 à¤¬à¥€à¤œà¥‡à¤ªà¥€ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक किशोर ठीक वहीं पहुंचते लगते हैं जहां से छह साल पहले उन्होंने शुरुआत की थी.   

सूत्रों के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के पूर्व हेल्थ स्पेशलिस्ट किशोर 2014 की तरह ही 2019 कैम्पेन के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह देते नजर आ सकते हैं.   

पार्टी में गहरी पैठ रखने वाले सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ महीनों में किशोर की प्रधानमंत्री के साथ कई मुलाकात हो चुकी हैं, अगले साल के आम चुनाव के लिए फॉरवर्ड प्लानिंग बनाने के लिए किशोर की प्रधानमंत्री के साथ कुछ मुलाकात निर्धारित समय से भी कहीं ज्यादा देर तक चलीं.  

सूत्रों का कहना है कि किशोर ने बीजेपी को युवा वर्ग का समर्थन जुटाने पर खास जोर देने की सलाह दी है. किशोर का मानना है कि 2014 से पहले युवाओं को साथ जोड़ने के लिए जितनी मेहनत की गई थी, वैसा ही मजबूत कनेक्ट अब किए जाने की आवश्यकता है.   

एक इनसाइडर का कहना है, ‘अगर इन दोनों ने हमेशा के लिए कभी साथ काम नहीं करने का फैसला लिया होता तो वे कई मौकों पर ऐसे साथ लंच और डिनर नहीं कर रहे होते. अगर प्रधानमंत्री कहते हैं कि सभी को मिल कर काम करना होगा तो कोई भी प्रधानमंत्री की सलाह से अलग नहीं जा सकता.’    

2014 के आम चुनाव के बाद किशोर ने पार्टी में किसी ऊंचे ओहदे की मांग की थी जिसके लिए अमित शाह ने इनकार कर दिया था. इसके बाद दोनों के रिश्तों में तल्खी आ गई और किशोर ने बीजेपी के धुर विरोधियों से रणनीतिकार के तौर पर हाथ मिला लिया. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार, किशोर को साफ कर दिया गया है कि उनका बीजेपी के साथ रिश्ता 2019 चुनाव तक रहेगा.    

किशोर के नए संगठन, I-PAC, ने इस बीच युवाओं की भर्ती करना शुरू कर दिया है. इसका हैशटैग #NationalAgendaForum  हर ट्वीट के साथ जोड़ा जा रहा है जो कहता है- ‘वोट देने की शक्ति लोकतंत्र के इंजन को ऊर्जा देती है. अभी वोट दें और 2019 का अपना एजेंडा सेट करें.’

I-PAC का एक थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के इर्दगिर्द बुना गया है. 1869 में जन्मे बापू की 2019 में ही 150वीं जयंती है. ट्वीटर पर नेशनल एजेंडा फोरम हैशटैग यूजर्स की ओर से युवाओं को साथ जोड़ने के लिए महात्मा गांधी के नाम का सहारा लिया जा रहा है.  

 

 

 

 

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