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मानसून सत्र से पहले सरकार और कांग्रेस में बढ़ी तकरार

नई दिल्ली। à¤¸à¤‚सद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले सरकार और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच सियासी तकरार तेज हो गई है। ऐसे में साफ है कि इसका असर संसद के मानसून सत्र पर भी पड़ेगा। रविवार को कांग्रेस ने इसके संकेत भी दे दिए। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कांग्रेस पार्टी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए बयान को गलत बताया और कहा कि कांग्रेस अकेले मुस्लिमों की नहीं, बल्कि पूरे देश की पार्टी है।

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के उन आरोपों को भी गलत बताया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर संसद के भीतर सरकार को कामकाज नहीं करने देने और तत्काल तीन तलाक विधेयक को रोकने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि संसद के कामकाज की एक व्यवस्था है, जो सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर तय करते हैं। इसके तहत ही कोई निर्णय किया जाता है।

ऐसे में प्रधानमंत्री का विपक्ष पर आरोप गलत है। वह इसे लेकर उनसे संसद में जवाब मांगेंगे। कांग्रेस नेता ने इस दौरान प्रधानमंत्री के दो साल में पांच करोड़ लोगों के गरीबी रेखा से ऊपर उठने के दावे को भी मजाक बताया। आनंद शर्मा ने कहा, अच्छा होगा कि वह संसद के भीतर अपनी इन उपलब्धियों की जानकारी दें।

 

कांग्रेस के इस रुख से साफ है कि सरकार के लिए मानसून सत्र की राह भी आसान नहीं होगी। वह भी तब, जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे तीन अहम राज्यों में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। ऐसे में सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच सियासी जोर अजमाइश का यह खेल जारी रहेगा।

कांग्रेस नेता ने एक सवाल में जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री को इतिहास इसलिए पढ़ना चाहिए क्योंकि उन्होंने 130 साल पुरानी पार्टी को मुस्लिम पार्टी कहा है। जिसने देश के स्वतंत्रता आंदोलनों में बढ़ -चढ़कर हिस्सा लिया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू और मौलाना आजाद जैसे लोग कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक समाचार पत्र का हवाला देते हुए कहा था, राहुल गांधी कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिमों की पार्टी है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी आगबबूला हो गई है।

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