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एमपी में कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन तय ;मानक अग्रवाल

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि à¤®à¤§à¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में  कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन तय कर लिया है। कांग्रेस राज्य में बीएसपी को 26 सीटें देने को राजी हो गई है। जबकि 204 सीटों पर कांग्रेस खुद अपने प्रत्याशी उतारेगी। शनिवार को à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤² गांधी  और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बीच भी बसपा और कांग्रेस के गठबंधन पर बातचीत हुई थी। बैठक के बाद राहुल गांधी ने मायावती से बात भी की थी। कमलनाथ ने भी बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलकर सीटों के बंटवारे पर चर्चा की है। बताया जा रहा है कि मायावती चाहती है कि सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी गठबंधन करे। उधर à¤•à¤¾à¤‚ग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा और कांग्रेस का गठबंधन तय है। सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है। सही समय पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सब कुछ अंतिम दौर में है। बसपा कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका फैसला होना बाकी है।

20 साल से कम नहीं हुआ बसपा का वोट बैंक

- पिछले 20 सालों से मध्य प्रदेश में बसपा का वोट शेयर करीब सात प्रतिशत के करीब बना हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 37 प्रतिशत, बसपा का सात प्रतिशत और भाजपा का 45 प्रतिशत था।

-ऐसे में अगर बसपा व कांग्रेस के वोट शेयर को जोड़ लिया जाए तो यह गठबंधन भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। साथ ही, अागामी चुनावों में भाजपा काे एंटी इनकंबेंसी का सामना भी करना पड़ सकता है।

- साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने चार सीटें जीती थीं। 62 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां बीएसपी को 10 हजार और 17 सीटों पर 30 हजार वोट मिले थे।

- लोकनीति-सीएसडीएस के एक सर्वेक्षण में कहा गया कि मध्य प्रदेश में एंटी इनकंबेंसी का असर राजस्थान से ज्यादा है। मध्य प्रदेश में गठबंधन की तरह बसपा के राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गठबंधन बनाए जाने की बात हो रही है। दोनों प्रदेशों में बसपा का वोट शेयर लगभग इतना ही है।

मध्य प्रदेश में यहां है प्रभाव

- मध्य प्रदेश में बसपा का विंध्य, बुंदेलखंड औऱ ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रभाव है। साल 2013 में हुए चुनाव में बसपा ने यहां से 4 सीटें जीती थी। राज्य की 230 विधानसभा सीटों में भाजपा ने 165, कांग्रेस ने 58 सीटें जीती थीं।

- बसपा का अपना स्थाई वोट बैंक है। बसपा के प्रदेश प्रभारी रामअचल राजधर का कहना है कि पार्टी में सभी निर्णय मायावती लेती हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी ये निर्णय उन्हीं को लेना है।

- बसपा का प्रभाव ग्वालियर-चंबल, विंध्य एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों में है और मौजूदा विधायक भी इसी क्षेत्र से आते हैं। बसपा ने सीमावर्ती जिलों में ही 30 सीटें मांगी हैं।

- वहीं, कमलनाथ के बसपा सुप्रीमो मायावती से अच्छे संबंध है। पिछले साल राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान बसपा के चारों विधायकों ने कांग्रेस प्रत्याशी विवेक तन्खा के पक्ष में मतदान किया था।

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