बचà¥à¤šà¤¨ चाहते थे "कावà¥à¤¯ में कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾" पर शोध करें नीरज
अपने सà¥à¤°à¥€à¤²à¥‡ कंठ, कावà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤ के अलग अंदाज से कावà¥à¤¯ मंचों के "बादशाह" बने गोपालदास "नीरज" के दीवाने शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ ही नहीं थे बलà¥à¤•à¤¿ कावà¥à¤¯-गीत परंपरा के पà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¾ कहे जाने वाले हरिवंश राय बचà¥à¤šà¤¨ à¤à¥€ उनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ के कायल थे। डॉ. बचà¥à¤šà¤¨ की हसरत थी कि नीरज "कावà¥à¤¯ में कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾" विषय पर शोध करें। मगर नियति देखिà¤, नीरज खà¥à¤¦ तो पीà¤à¤šà¤¡à¥€ न कर सके, लेकिन छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के लिठशोध का विषय जरूर बन गà¤à¥¤
गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को महाकवि के अवसान के साथ ही छातà¥à¤° जीवन में उनके साथी रहे वरिषà¥à¤ साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° डॉ. उपेंदà¥à¤° की आंखों में अशà¥à¤•à¥‹à¤‚ के साथ दशकों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ तैरने लगीं। लखनऊ निवासी 87 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ डॉ. उपेंदà¥à¤° ने फोन पर नईदà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सहयोगी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ दैनिक जागरण से अपनी यादों को ताजा किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि नीरज मà¥à¤à¤¸à¥‡ आठ-दस वरà¥à¤· बड़े थे। कानपà¥à¤° के डीà¤à¤µà¥€ कॉलेज में मैंने बीठमें दाखिला लिया, तब नीरज वहां से à¤à¤®à¤ कर रहे थे। तब तक नीरज सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कवि बन चà¥à¤•à¥‡ थे।
वह कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ में जाया करते थे। कविता ही उनकी आजीविका का साधन बन चà¥à¤•à¥€ थी। डॉ. उपेंदà¥à¤° बताते हैं कि समकालीन कवि और गीतकारों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में दो गà¥à¤£ नीरज को दूसरों से अलग करते थे। अवà¥à¤µà¤² तो उनका कंठबहà¥à¤¤ सà¥à¤°à¥€à¤²à¤¾ व कावà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤ शैली सबसे खास थी। इसके अलावा उनके पास à¤à¤¾à¤·à¤¾ का जबरà¥à¤¦à¤¸à¥à¤¤ आकरà¥à¤·à¤£ था। उनकी काबिलियत को डॉ. हरिवंश राय बचà¥à¤šà¤¨ à¤à¥€ मानते थे। डॉ. बचà¥à¤šà¤¨ चाहते थे कि नीरज "कावà¥à¤¯ में कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾" विषय पर शोध करें, लेकिन दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ था कि वह कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ में ही वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ रहे, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वही आजीविका थी।
गोपाल दास नीरज पर à¤à¤• साल पहले "नीरज"
à¤à¤• जीवित किवदंती" अंक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ करने वाली चौबेपà¥à¤° निवासी यà¥à¤µà¤¾ साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° सफलता सरोज के उनसे पारिवारिक रिशà¥à¤¤à¥‡ थे। वह बताती हैं कि बाबा अकà¥à¤¸à¤° घर आकर रहा करते थे। उनसे बातचीत में ही पता चला कि उनकी चाहत थी पीà¤à¤šà¤¡à¥€ करने की, लेकिन वह कर नहीं सके। हालांकि वह à¤à¤¸à¥€ शखà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¤ थे कि उनके जीवन और रचना पर करीब तीस रिसरà¥à¤š हà¥à¤à¥¤