इस गांव में सबके दोसà¥à¤¤ हैं सांप, न तो काटते हैं, ना इनको मारा जाता है
सांप को देखकर अचà¥à¤›à¥‡-अचà¥à¤›à¥‹à¤‚ की हालत खराब हो जाती है। इंसान सांपों से डरते हैं और सांप à¤à¥€ इंसान को डराने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन हरियाणा के रोहतक के à¤à¤• गांव रोहेड़ा में सांप और इंसान à¤à¤• दूसरे के साथ दोसà¥à¤¤ की तरह रहते हैं। सांप को यहां मारा नहीं जाता और न ही यहां सांप के काटने से किसी की मौत होती है।
इस गांव में सांप को मारना महापाप है। इस गांव के सरपंच के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• करीब 300 साल पहले कà¥à¤‚डू गौतà¥à¤° के बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— गांव घोघडिया में आकर बसे थे। उसी समय à¤à¤• महिला ने à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ का जनà¥à¤® दिया। कहा जाता है कि उसी महिला के कोख से उसी समय à¤à¤• सांप ने à¤à¥€ जनà¥à¤® लिया था। महिला ने सांप का लालन पोषण अपने बचà¥à¤šà¥‡ की तरह किया था। à¤à¤¾à¤¦à¥à¤° पद के चौथे दिन महिला खेतो में काम करने के लिठगई थी। उसने बेटे और सांप को पालने में सà¥à¤²à¤¾ दिया। उस महिला का à¤à¤¾à¤ˆ उसके घर आया और अपनी बहन को घर पर न पाकर वह खेत में चला गया। खेत में सांप को और अपने à¤à¤¾à¤‚जे को पालने में देखकर डर गया और सांप को मार दिया। सांप के मरने के बाद बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¥€ मर गया।
महिला को जब यह पता चला तो वह गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ से à¤à¤° गई और उसने रोते हà¥à¤ अपने à¤à¤¾à¤ˆ से कहा कि तà¥à¤®à¤¨à¥‡ सांप के साथ मेरे बेटे को à¤à¥€ मार डाला है। उसने अपने à¤à¤¾à¤ˆ से कहा कि तà¥à¤® à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में इस दिन कà¤à¥€ à¤à¥€ मेरे घर मत आना, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस दिन तà¥à¤à¥‡ मेरे घर से अनà¥à¤¨-जल तक नहीं दिया जाà¤à¤—ा। तब से लेकर आज तक जिस दिन सांप किसी को काट लेता है तो उस दिन कà¥à¤‚डू गोतà¥à¤° के लोग किसी मेहमान, आगंतà¥à¤• अथवा à¤à¤¿à¤–ारी को à¤à¥€ खाना नहीं देते।
सरपंच बताते हैं कि 300 साल का इतिहास गवाह है कि सांप के काटने से यहां किसी की मृतà¥à¤¯à¥ नहीं हà¥à¤ˆ है। नाग देव के मंदिर पर हर तीन साल के बाद à¤à¤¾à¤¦à¥à¤° मास की पंचम को विशाल à¤à¤‚डारा लगाया जाता है, जिसमें उस दौरान पैदा हà¥à¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को शामिल किया जाता है।