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स्मार्ट शहर के लिये स्मार्ट अधोसंरचना तैयार करना आवश्यक – कलेक्टर डॉ. गोयल

कलेक्ट्रेट सभागार में शहर विकास परियोजनाओं का प्रजेण्टेशन

कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने कहा है कि ग्वालियर शहर को स्मार्ट बनाने के लिये आवश्यक है कि यहाँ की अधोसंरचना को भी स्मार्ट बनाया जाए। इसलिये सभी निर्माण विभाग अपने कार्य प्रक्रिया में भी स्मार्टनेस लाएँ, जो उनके द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट में परिलक्षित होना चाहिए। उन्होंने यह बात कलेक्ट्रेट सभागार में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तावित प्रोजेक्ट पर चर्चा के दौरान कही।

      लगभग तीन घंटे चली इस बैठक में नगर निगम, ग्वालियर विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, सेतु विकास निगम, पर्यटन, उद्योग, वन एवं हस्तशिल्प विकास निगम के प्रस्तावित विभिन्न प्रोजेक्ट पर विस्तार से चर्चा की गई।

      कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने कहा कि स्मार्ट सिटी के रूप में भारत सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप हमें कार्य करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत शहर की अधोसंरचना, आवोहवा, रोजगार, उद्योग, व्यापार, स्वास्थ्य एवं परिवहन सेवायें जैसे सभी बिंदुओं पर समग्र विकास की अवधारणा पर खरा उतरने की चुनौती है। नगर निगम सहित सभी विभागों द्वारा अपनी कार्यप्रणाली इस अनुरूप बनानी होगी।

      आयुक्त नगर निगम श्री अनय द्विवेदी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ग्वालियर शहर में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं का प्रजेण्टेशन प्रस्तुत किया। जिसमें –

  • एकीकृत मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आईएचएसडीपी) – इस कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी गरीब व्यक्तियों के लिये 95 करोड़ 95 लाख रूपए की लागत से 3 हजार 228 आवास पाँच स्थानों पर बनाए जा रहे हैं। जिनमें से 965 आवास नगर निगम द्वारा तैयार कर जरूरतमंदों को आवंटित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत गुढ़ी क्षेत्र में 512, सुरेशनगर खेत्र में 576, सिंधियानगर में 1088, बकरामण्डी में 128 और सागरताल क्षेत्र में 1024 आवासों का निर्माण कराया जायेगा।
  • राजीव आवास योजना इस योजना के अंतर्गत शहर की पाँच प्रमुख गंदी बस्तियों में 27 करोड़ 24 लाख रूपए की लागत से 934 आवास बनाए जाने का कार्य प्रगति पर है। इनमें कैंसर पहाड़ी क्षेत्र में 240, महलगाँव में 70, शांतिनगर वार्ड-21 में 81, शर्मा फार्म हाउस 102 आवास बनाने का कार्य प्रगति पर है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना इसके अंतर्गत 438.40 करोड़ रूपए की लागत से 4 हजार 584 आवासों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। इन आवासों के लिये महलगाँव क्षेत्र में भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है।
  • मल्टीलेवल पार्किंग शहर में यातायात व्यवस्था में वाहनों के दबाव को कम करने के उद्देश्य से नगर निगम द्वारा मल्टी लेवल पार्किंग बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें राजपायगा क्षेत्र में कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा सिटी सेंटर सालासर मॉल के पीछे 10 करोड़ 28 लाख रूपए की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग बनकर तैयार हो चुकी है।
  • स्मार्ट सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम – इस प्रोजेक्‍ट के तहत अमृत योजना में सुनियोजित हाईटैक प्रदूषण रहित ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें 55.53 करोड़ रूपए की राशि व्यय होगी। इस योजना के तहत नगर निगम को 5 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हो चुकी है। ग्वालियर सिटी और इंटरसिटी के लिये 144 वाहनों का संचालन किया जाना प्रस्तावित है।
  • बस स्टॉप – शहर में प्रमुख स्थानों पर 100 आधुनिक बस स्टॉप और तीन सेटेलाईट बस स्टॉप बनाए जाना प्रस्तावित है।
  • एलईडी होर्डिंग और स्ट्रीट लाईट शहर को स्मार्ट लुक देने के लिये नगर निगम द्वारा परंपरागत होर्डिंग के स्थान पर एलईडी होर्डिंग को प्रमोट किया जा रहा है, जो शहर में पाँच स्थानों पर लगाए जायेंगे। इसके साथ ही शहर के 18 मार्गों पर स्ट्रीट लाईट पर भी विज्ञापन का अधिकार निजी एजेन्सियों को प्रदान किया गया हे।
  • वाटर एटीएम की स्थापना नगर निगम द्वारा शहरवासियों को सामान्य दरों पर फिल्टर शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिये 11 स्थानों पर वाटर एटीएम लगाए जाने का कार्य भी प्रगति पर है।
  • प्रमुख मार्गों का निर्माण और पुन:निर्माण शहर की 20 सड़कों के निर्माण और पुन:निर्माण पर 26 करोड़ रूपए का व्यय किया जाना भी प्रस्तावित है। 

इसके साथ ही श्री द्विवेदी ने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत शहर की वाटर सप्लाई, सीवेज और अरबन ट्रांसपोर्ट सिस्टम को विकसित करने के लिये 853 करोड़ रूपए व्यय किए जायेंगे। जिसमें 21 करोड़ रूपए शहर में ग्रीन क्षेत्र विकसित करने पर व्यय होंगे। इसके लिये नगर निगम द्वारा प्रारंभिक चरण में पाँच स्थानों पर बड़े पार्क विकसित किए जा रहे हैं।

इसके साथ ही बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के लिये बनाए जा रहे रीजनल वूमेन रिसर्च सेंटर, ठाठीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना, 100 बिस्तर वाले प्रोजेक्ट, कालीन पार्क, दो नवीन यातायात थानों का निर्माण, बैजाताल के पुरातात्विक स्वरूप को बनाए रखने तथा शहर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

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