'टैकà¥à¤¸ रिफंड जलà¥à¤¦ आपके बैंक खाते में जमा होगा', आया है à¤à¤¸à¤¾ मैसेज तो रहें सावधान
पिछले साल इनकम टैकà¥à¤¸ डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट की फिशिंग साइट बनाकर साइबर ठगों ने देश में 50 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोगों को लाखों का चूना लगाया था, जिसके बाद गिरोह का à¤à¤‚डाफोड़ हà¥à¤† और दिलà¥à¤²à¥€ से कई आरोपी धर गठथे. लेकिन अब à¤à¤• बार फिर इनकम टैकà¥à¤¸ डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट की आड़ में ठगी का गिरोह सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ हो रहा है, इस बार मैसेज के जरिये ठगी को अंजाम देने की कोशिश है.दरअसल देश में इनकम टैकà¥à¤¸ रिटरà¥à¤¨ फाइल करने की अंतिम तारीख 31 से जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से बढ़ाकर 31 अगसà¥à¤¤ कर दिया गया है. नौकरीपेशा लोगों से लेकर कारोबारी तक आयकर विà¤à¤¾à¤— के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इनकम टैकà¥à¤¸ रिटरà¥à¤¨ (ITR) फाइल कर रहे हैं. लोगों को आयकर विà¤à¤¾à¤— की ओर से मैसेज à¤à¥€ आ रहे हैं. इस बीच ठगी का ये गिरोह à¤à¤• बार फिर तेजी से सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ हो गया है.à¤à¤¾à¤‚से में आ जा रहे हैं वो ठगी के शिकार हो जाते हैं. गिरोह की तरफ से लोगों को मोबाइल पर मैसेज à¤à¥‡à¤œà¥‡ जा रहे हैं कि आपका इनकम टैकà¥à¤Ÿ रिफंड अमाउंट आपके बैंक में जलà¥à¤¦ डाल दिया जाà¤à¤—ा. अकाउंट वैरीफाई करने के नाम पर मैसेज के अंत में à¤à¤• URL होता है जिस पर कà¥à¤²à¤¿à¤• करने के लिठकहा जाता है, इसपर कà¥à¤²à¤¿à¤• करने के बाद बैंक डिटेल अपडेट करने को कहा जाता है, और फिर जो इनके à¤à¤¾à¤‚से में आ जाते हैं उसे लाखों को चूना लग जाता है.हकीकत तो ये है कि आयकर विà¤à¤¾à¤— कà¤à¥€ à¤à¥€ किसी को मैसेज à¤à¥‡à¤œà¤•à¤° अकाउंट वैरीफाई या फिर अकाउंट अपडेट करने के लिठनहीं कहता है. à¤à¤¸à¥‡ में अगर इस तरह का कोई मैसेज आपके पास आता है तो उसे बिलà¥à¤•à¥à¤² कà¥à¤²à¤¿à¤• ना करें. इसकी शिकायत साइबर कà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤® डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट से करें. ठगी को अंजाम देने वाला गिरोह पहले तो गलत तरीके से लोगों के कà¥à¤› डिटेल हासिल करता है और फिर इस तरह का मैसेज à¤à¥‡à¤œà¤•à¤° बैंक खाते को खाली कर देता है.बता दें, इससे पहले आरबीआई के नाम पर चूना लगाने का मामला à¤à¥€ सामने आया था. मैसेज में लिखकर आता था कि अपना विवरण दीजिठऔर इनामी रकम घर ले जाइà¤. à¤à¤¸à¥‡ लà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¥‡ à¤à¤¸à¤à¤®à¤à¤¸ या ईमेल à¤à¥‡à¤œà¤•à¤° लोगों को ठगने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आज के दौर में फोन, à¤à¤¸à¤à¤®à¤à¤¸ या ईमेल के जरिये à¤à¤¸à¥€ धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है. ठग अकà¥à¤¸à¤° इनाम की राशि पाने के लिठपà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग फीस का à¤à¥à¤—तान करने की बात कहता है. इनके बहकावे में आकर कई लोग करोड़ों के इनाम की चाहत में हजारों रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग फीस के रूप में इनके बताठखाते में जमा करा देते हैं और फिर पछताते हैं. ठगी का तरीका: फरà¥à¤œà¥€ à¤à¤¸à¤à¤®à¤à¤¸ या ई-मेल, जो असली से मिलते-जà¥à¤²à¤¤à¥‡ होते हैं, खासकर यूआरà¤à¤² का लिंक à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ हैं. लिंक पर कà¥à¤²à¤¿à¤• करते ही यूजर फरà¥à¤œà¥€ वेबसाइट पर पहà¥à¤‚च जाता है. फरà¥à¤œà¥€ वेबसाइट असली वेबसाइट से कà¥à¤²à¥‹à¤¨ कर तैयार किया जाता है, जिससे लोग à¤à¤¾à¤‚से में आ जाते हैं. लोगों को ऑनलाइन टà¥à¤°à¤¾à¤‚जैकà¥à¤¶à¤¨ के लिठकहा जाता है.कैसे बचें: हमेशा à¤à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤¸ बार में किसी वेबसाइट का सही यूआरà¤à¤² टाइप कर लॉग-इन करें. गà¥à¤ªà¥à¤¤ जानकारी डालते समय धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें कि वेबसाइट का यूआरà¤à¤² http:// या https:// से शà¥à¤°à¥‚ हो. बैंक या इनकम टैकà¥à¤¸ डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट की तरफ से ई-मेल के जरिठटà¥à¤°à¤¾à¤‚जैकà¥à¤¶à¤¨ नहीं कराया जाता. अगर à¤à¤¸à¤¾ कोई मेल आठतो संबंधित विà¤à¤¾à¤— और पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को सूचना जरूर दें. अपने कंपà¥à¤¯à¥‚टर में हमेशा अचà¥à¤›à¥€ कंपनी का à¤à¤‚टी वायरस जरूर इंसà¥à¤Ÿà¥‰à¤² करें और उसे अपडेट रखें.