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'टैक्स रिफंड जल्द आपके बैंक खाते में जमा होगा', आया है ऐसा मैसेज तो रहें सावधान

पिछले साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की फिशिंग साइट बनाकर साइबर ठगों ने देश में 50 से ज्यादा लोगों को लाखों का चूना लगाया था, जिसके बाद गिरोह का भंडाफोड़ हुआ और दिल्ली से कई आरोपी धर गए थे. लेकिन अब एक बार फिर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आड़ में ठगी का गिरोह सक्रिय हो रहा है, इस बार मैसेज के जरिये ठगी को अंजाम देने की कोशिश है.दरअसल देश में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 से जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया है. नौकरीपेशा लोगों से लेकर कारोबारी तक आयकर विभाग के निर्देश अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर रहे हैं. लोगों को आयकर विभाग की ओर से मैसेज भी आ रहे हैं. इस बीच ठगी का ये गिरोह एक बार फिर तेजी से सक्रिय हो गया है.झांसे में आ जा रहे हैं वो ठगी के शिकार हो जाते हैं. गिरोह की तरफ से लोगों को मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हैं कि आपका इनकम टैक्ट रिफंड अमाउंट आपके बैंक में जल्द डाल दिया जाएगा. अकाउंट वैरीफाई करने के नाम पर मैसेज के अंत में एक URL होता है जिस पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है, इसपर क्लिक करने के बाद बैंक डिटेल अपडेट करने को कहा जाता है, और फिर जो इनके झांसे में आ जाते हैं उसे लाखों को चूना लग जाता है.हकीकत तो ये है कि आयकर विभाग कभी भी किसी को मैसेज भेजकर अकाउंट वैरीफाई या फिर अकाउंट अपडेट करने के लिए नहीं कहता है. ऐसे में अगर इस तरह का कोई मैसेज आपके पास आता है तो उसे बिल्कुल क्लिक ना करें. इसकी शिकायत साइबर क्राइम डिपार्टमेंट से करें. ठगी को अंजाम देने वाला गिरोह पहले तो गलत तरीके से लोगों के कुछ डिटेल हासिल करता है और फिर इस तरह का मैसेज भेजकर बैंक खाते को खाली कर देता है.बता दें, इससे पहले आरबीआई के नाम पर चूना लगाने का मामला भी सामने आया था. मैसेज में लिखकर आता था कि अपना विवरण दीजिए और इनामी रकम घर ले जाइए. ऐसे लुभावने एसएमएस या ईमेल भेजकर लोगों को ठगने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.सबसे ज्यादा आज के दौर में फोन, एसएमएस या ईमेल के जरिये ऐसी धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है. ठग अक्सर इनाम की राशि पाने के लिए प्रोसेसिंग फीस का भुगतान करने की बात कहता है. इनके बहकावे में आकर कई लोग करोड़ों के इनाम की चाहत में हजारों रुपये प्रोसेसिंग फीस के रूप में इनके बताए खाते में जमा करा देते हैं और फिर पछताते हैं. à¤ à¤—ी का तरीका: फर्जी एसएमएस या ई-मेल, जो असली से मिलते-जुलते होते हैं, खासकर यूआरएल का लिंक भेजते हैं. लिंक पर क्लिक करते ही यूजर फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाता है. फर्जी वेबसाइट असली वेबसाइट से क्लोन कर तैयार किया जाता है, जिससे लोग झांसे में आ जाते हैं. लोगों को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए कहा जाता है.कैसे बचें: हमेशा एड्रेस बार में किसी वेबसाइट का सही यूआरएल टाइप कर लॉग-इन करें. गुप्त जानकारी डालते समय ध्यान दें कि वेबसाइट का यूआरएल http:// या https:// से शुरू हो. बैंक या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से ई-मेल के जरिए ट्रांजैक्शन नहीं कराया जाता. अगर ऐसा कोई मेल आए तो संबंधित विभाग और पुलिस को सूचना जरूर दें. अपने कंप्यूटर में हमेशा अच्छी कंपनी का एंटी वायरस जरूर इंस्टॉल करें और उसे अपडेट रखें.

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