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MP में वार रूम 'जावली' से तय होगी भाजपा की विधानसभा चुनाव की रणनीति

भोपाल। à¤µà¤°à¥à¤· 2003 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाने वाला भाजपा का वार रूम 'जावली' ही इस विधानसभा चुनाव में भी सारी रणनीति तय करेगा। 'जावली' नाम के पीछे की कहानी भी रोचक है। जावली महाराष्ट्र की एक छोटी-सी रियासत थी।

इस जावली के किले में मुगल शासकों ने शिवाजी को मारने की योजना बनाई थी। 10 नवंबर 1659 को अफजल खां ने इसी जावली में शिवाजी को एकांत में मिलने बुलवाया था। जहां धोखे से वह शिवाजी की हत्या करना चाहता था, लेकिन शिवाजी ने उसे मार गिराया।

मप्र भाजपा ने भी अपने वार रूम 'जावली' का श्रीगणेश 10 नवंबर 2017 को ही कर लिया है, जो प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के नेतृत्व में काम कर रहा है। इस बार जावली में स्व. अनिल दवे की कमी होगी, जो इसके कर्ताधर्ता हुआ करते थे। दवे ने ही 2003 में भाजपा के रणनीति कैंप जावली को शुरू करवाया था। केंद्रीय मंत्री रहते हुए दवे का निधन 2016 में हो गया था।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि 74 बंगले स्थित बी-18 में जिस वार रूम को तैयार कराया जा रहा है, उसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खास लोगों की टीम संभालेगी, जो लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियां देखेगी। शाह विधानसभा चुनाव के दौरान यदि भोपाल में कैंप करते हैं तो यह वार रूम लोकसभा चुनाव की देशभर में चल रही तैयारियों से शाह को अवगत कराता रहेगा।

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