चाणकà¥à¤¯ नीति: मृतà¥à¤¯à¥ के समय काम आà¤à¤—ी केवल ये à¤à¤• चीज़, जानें कà¥à¤¯à¤¾
आचारà¥à¤¯ चाणकà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित चाणकà¥à¤¯ नीति à¤à¤• à¤à¥‡à¤¸à¤¾ महान गà¥à¤°à¤‚थ है जो आज à¤à¥€ उतना ही पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है जितना उस समय था। चाणकà¥à¤¯ नीति में कà¥à¤² सतà¥à¤°à¤¹ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ हैं। आज हम आपको चाणकà¥à¤¯ के इस गà¥à¤°à¤‚थ के चौथे अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की कà¥à¤› ज़रूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें मानव जीवन से संबंधित की बातों का वरà¥à¤£à¤¨ किया गया है। इन बातों को अपने जीवन में अपनाने से किसी की à¤à¥€ लाईफ में आ रही परेशानियों का हल निकल सकता है और उनकी लाइफ ईज़ी हो सकती है। यह निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ है की शरीरधारी जीव के गरà¥à¤à¤•à¤¾à¤² में ही आयà¥, करà¥à¤®, धन, विधà¥à¤¯à¤¾, मृतà¥à¤¯à¥ इन पांचो की सृषà¥à¤Ÿà¤¿ साथ-ही-साथ हो जाती है।साधॠमहातà¥à¤®à¤¾à¤“ के संसरà¥à¤— से पà¥à¤¤à¥à¤°, मितà¥à¤°, बंधॠऔर जो अनà¥à¤°à¤¾à¤— करते हैं, वे संसार-चकà¥à¤° से छूट जाते हैं और उनके कà¥à¤²-धरà¥à¤® से उनका कà¥à¤² उजà¥à¤œà¤µà¤² हो जाता है।
जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° मछली देख-रेख से, कछà¥à¤µà¥€ चिड़िया सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ से (चोंच दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾) सदैव अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का पालन-पोषण करती है, वैसे ही अचà¥à¤›à¥‡ लोगोठके साथ से सरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से रकà¥à¤·à¤¾ होती है।
यह नशà¥à¤µà¤° शरीर जब तक निरोग व सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ है या जब तक मृतà¥à¤¯à¥ नहीं आती, तब तक मनà¥à¤·à¥à¤¯ को अपने सà¤à¥€ पà¥à¤£à¥à¤¯-करà¥à¤® कर लेने चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अंत समय आने पर वह कà¥à¤¯à¤¾ कर पाà¤à¤—ा।
विदà¥à¤¯à¤¾ कामधेनॠके समान सà¤à¥€ इचà¥à¤›à¤¾à¤ पूरà¥à¤£ करने वाली है। विदà¥à¤¯à¤¾ से सà¤à¥€ फल समय पर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं। परदेस में विदà¥à¤¯à¤¾ माता के समान रकà¥à¤·à¤¾ करती है। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने विदà¥à¤¯à¤¾ को गà¥à¤ªà¥à¤¤ धन कहा है, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾ वह धन है जो आपातकाल में काम आती है। इसका न तो हरण किया जा सकता हे न ही इसे चà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¾ जा सकता है।सैकड़ो अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से à¤à¤• ही गà¥à¤£à¤µà¤¾à¤¨ पà¥à¤¤à¥à¤° अचà¥à¤›à¤¾ है। रातà¥à¤°à¤¿ का अंधकार à¤à¤• ही चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ दूर करता है, न की हजारों तारें।